अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में अजब गजब मामला सामने आया है। शहर के मोमिनपुरा के रहने वाले मुस्तकीम ने अपने जमीन का नक्शा कटवाने के लिए रिश्वत की रकम पटवारी को देने के लिए सरगुजा कलेक्टर से 8500 रुपये उधार मांगा है।
दरअसल जमीन से रोड का नक्शा काटने के लिए पटवारी दस हजार रूपये की रिश्वत मांग रहा था। मैकेनिक ढ़ाई हजार रुपए पहले ही पटवारी को दे चुका था पर उसका काम नहीं हो रहा था। बाकी की रकम के लिए उसने जनदर्शन में आवेदन देकर कलेक्टर से ही उधार मांग लिया। मामला सामने आने के बाद अफसरों ने जांच की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले में अंबिकापुर अनुविभाग के ग्राम मोमिनपुरा निवासी मोहम्मद मुस्तकीम पिता स्वर्गीय गुलाम रसूल एक छोटे से गैरेज में मैकेनिक का काम करता है। जनदर्शन में आवेदन देने पहुंचे मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि उसका उसके भतीजों से जमीन का विवाद चल रहा है। गांव के राइस मिल के पीछे उसकी खेत की जमीन से लगी भतीजों की जमीन उन्होंने बेच दी। भतीजों ने अपनी जमीन बेचने के अलावा निस्तारी रास्ते के लिए छोड़ी गई सड़क की जमीन भी बेचने के लिए सौदा कर लिया। इसकी जानकारी लगने के बाद मोहम्मद मुस्तकीम ने इसका विरोध किया तो काफी झगड़े के बाद निस्तारी रास्ता देने हेतु सहमति बनी। जमीन के खसरा क्रमांक 4658/1,4655,4658/4,4654/1 के राजस्व अभिलेख में से सहमति पत्र इकरारनामा के आधार पर 15 फीट सार्वजनिक सड़क का नक्शा दुरुस्त किए जाने हेतु आवेदन पत्र न्यायालय अधिकारी अंबिकापुर जिला छत्तीसगढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया।
इस आवेदन को जांच हेतु न्यायालय तहसीलदार अंबिकापुर को भेजा गया। तहसीलदार के न्यायालय से 15 जुलाई 2024 को इश्तिहार एवं ज्ञापन जारी किया गया था, हल्का पटवारी को ज्ञापन जारी हुए तीन माह से अधिक हो गया पर उसने आज तक तहसीलदार के यहां प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। मोहम्मद मुस्तकीम के अनुसार जमीन में से सड़क का नक्शा काटने के लिए हल्का पटवारी श्रवण पांडे ने दस हजार रुपए की रिश्वत मांगी। उन्होंने किसी तरह ढाई हजार रुपए दिए । मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि पटवारी पूरे दस हजार रुपए लिए बिना नक्शा सुधार का प्रतिवेदन जमा करने के लिए तैयार नहीं है। मोहम्मद मुस्तकीम के अनुसार वह रोज कमाने–खाने वाला गरीब आदमी है। उसके पास इतने पैसे नहीं है। इसलिए उसने जनदर्शन में शिकायत देकर कलेक्टर से रकम उधार मांगी है।
शिकायत के अनुसार तीन माह से अधिक समय होने के बाद भी प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किए गया है। हल्का पटवारी श्रवण पांडे के द्वारा ढ़ाई हजार रुपए रिश्वत ले ली गई है और साढ़े आठ हजार रुपए और मांग रहा है। मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि मैं गरीब आदमी हूं और रिश्वत देने में असमर्थ हूं। इसलिए मैने कलेक्टर साहब से साढ़े आठ हजार रुपए उधारी मांगी है। जिसे पटवारी को देकर अपना काम करवाया जा सके। उधार में ली गई रकम वापसी हेतु एक माह का समय आवेदन में मांगा गया है।
आवेदन में बताया गया हैं कि लोकसभा गारंटी अधिनियम के तहत एक माह के अंदर प्रतिवेदन भेज कर आदेश करना है, किंतु हल्का पटवारी क्रमांक 15 श्रवण पांडे के द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत 25 हजार रुपए अर्थदंड अधिरोपित करते हुए रिश्वत की रकम ढ़ाई हजार रुपए अर्थदंड अधिरोपित करते हुए रिश्वत की रकम ढाई हजार रुपए वापस प्रदान करवाने आए नक्शा सुधार करवाने की मांग की है।