डेस्क : बैकुंठपुर- कोरिया जिले में बाघ की मौत का कारण कोरिया वन मंडल और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान ने जहर बताया है. मामले में वन विभाग की जांच में मृत बाघ की खाल,नाखून,दांत और सभी अंग सुरक्षित मिले हैं. किसी प्रकार का अंग-भंग नहीं पाया गया. बाघ के मौत के सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है. घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र में गोमार्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम ने पतासाजी की.
मौत का कारण कोरिया वन मंडल और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान ने जहर बताया है. मामले में वन विभाग की जांच में मृत बाघ की खाल,नाखून,दांत और सभी अंग सुरक्षित मिले हैं. किसी प्रकार का अंग-भंग नहीं पाया गया. बाघ के मौत के सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है.
ये है मामला
मामले में वन विभाग का कहना है कि ग्रामीणों से परिसर रक्षक गरनई को सूचना मिली कि ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे एक बाघ की मौत हुई है. घटना स्थल बीट गरनई, सर्किल रामगढ़, परिक्षेत्र सोनहत, कोरिया वनमण्डल के वनक्षेत्र कक्ष क्रमांक पी 196 के पास है. संबंधित वनरक्षक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया।
जिस पर तत्काल कोरिया के डीएफओ , संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर, उपवनमण्डलाधिकारी उत्तर बैकुंठपुर, सीसीएफ सरगुजा वन वृत्त अम्बिकापुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा मौके पर पहुंचे थे।
वन विभाग के कर्मचारियों की टीम ने घटना स्थल के आसपास 1.5 से 2 किमी परिधि में तलाशी की. प्रथम दृष्टया शव 2-3 दिन पुराना प्रतीत हुआ. वन विभाग, पुलिस विभाग, NTCA प्रतिनिधि व ग्रामीणों की मौजूदगी में 4 सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने शव का पीएम किया. टीम के अनुसार बाघ की मौत का कारण जहर संभावित है. शव के पीएम के बाद शव को नियमानुसार दाह संस्कार किया गया. पोस्टमार्टम के दौरान मृत बाघ के आवश्यक अंगों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया. कोरिया वनमण्डल व गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान की संयुक्त टीम के 4 सदस्यों ने आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण किया. कार्रवाई के दौरान अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर मौजूद रहे व समस्त वन अधिकारियों, कर्मचारियों को अपराधियों की पतासाजी करने और वाइल्ड लाइफ क्राइम नियंत्रण का निर्देश दिया गया।