डेस्क : दुष्कर्म (Rape) के बाद गर्भवती हुई पीड़िता (Rape Victim) के अनचाहे गर्भपात को करने के चिकित्सीय परीक्षण को लेकर पेश याचिका की सुनवाई हुई. मामले में तत्परता से शीतकालीन अवकाश (Winter Vacation) के दिन जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की स्पेशल कोर्ट (Special Court) लगाई गई. कोर्ट ने सुनवाई उपरांत कलेक्टर बिलासपुर को मेडिकल बोर्ड का गठन कर पीड़िता की जांच कर 26 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है. याचिकाकर्ता युवती दुष्कर्म से गर्भवती हो गई थी, 21-22 सप्ताह के गर्भ को वह रखना नहीं चाह रही. कोर्ट में पीड़िता ने स्वयं गर्भपात के लिए सहमति दी है, तथा उसने चिकित्सीय गर्भपात की अनुमति के लिए शपथ-पत्रों के साथ रिट याचिका दायर की थी.
याचिका की गंभीरता को देखते हुए जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की विशेष कोर्ट लगाई गई. कोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर को मेडिकल बोर्ड का गठन कर 7 जून 2024 को जारी अधिसूचना के अनुसार याचिकाकर्ता की मेडिकल जांच कराने एवं 26 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. मेडिकल जांच में आने वाला खर्च राज्य सरकार द्बारा वहन किया जाएगा. कोर्ट ने आदेश की प्रति भेज कर मेडिकल बोर्ड गठित करने व जांच का निर्देश दिया है.
मेडिकल बोर्ड इन पहलुओं पर जांच करेगी- याचिकाकर्ता मरीज के संबंध में उसकी जांच रिपोर्ट, शारीरिक और मानसिक स्थिति, गर्भावस्था की अवस्था, भ्रूण की समग्र स्थिति, गर्भावस्था का समापन कितना हानिकारक होगा, यदि याचिकाकर्ता को अनुमति दी जाती है तो यह कहां तक हानिकारक होगा गर्भावस्था की पूरी अवधि पूरी करने की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होगी.
जांच के लिए पीड़िता को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. मेडिकल बोर्ड में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट/सोनोलॉजिस्ट, और कोई अन्य सदस्य, जैसा आवश्यक हो शामिल रहेंगे. इस मामले में सिंगल बेंच ने आदेश दिया और न्यायिक रजिस्ट्रार को इसकी प्रति कलेक्टर, बिलासपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी, बिलासपुर को आवश्यक अनुपालन के आज ही भेजने आदेश दिया. इस आदेश की प्रति राज्य सरकार को भी उपलब्ध कराई जाएगी. इस मामले में अगली सुनवाई 26 दिसंबर, 2024 को सूचीबद्ध की गई है.