CG – नक्सली की बेटी बनेगी डॉक्टर : NEET परीक्षा में प्राप्त किए इतने नंबर, पूरा होगा डॉक्टर बनने का सपना…..

सुकमा। छत्तीसगढ़ के इस घोर नक्सल प्रभावित जिले से सुकमा में 43 बच्चों ने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक NEET परीक्षा में सफलता हासिल की है। कुल 58 बच्चे इस परीक्षा में बैठे थे। अहम ये है कि इस बच्चों में एक बच्चा पूर्व नक्सली परिवार का है।
नीट एग्जाम में 259 अंक प्राप्त किया है। पिछली बार 235 अंक मिले थे, काउंसलिंग में मेरा चयन नहीं हुआ। इस साल दुबारा प्रयास करने पर अच्छे अंक मिले हैं। जिला प्रशासन की मदद से ये सब संभव हो पाया है। बड़े शहरों की तर्ज पर सुकमा में सुविधा मुहैया कराया जा रहा है।
मुफ्त आवासीय कोचिंग योजना ने दी सुकमा को नई पहचान
दरअसल, सुकमा जिला प्रशासन की पहल से शुरू की गई मुफ्त आवासीय कोचिंग योजना ने यहां के आदिवासी बच्चों को एक नई दिशा दी है। प्रशासन ने संसाधनों की कमी से जूझ रहे बच्चों को इसके जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सक्षम बनाया। इसका नतीजा यह रहा कि वर्ष 2025 की NEET परीक्षा में सुकमा के 43 छात्रों ने सफलता हासिल की, जो अब डॉक्टर बनने के अपने सपने को साकार करने की ओर बढ़ रहे हैं। यह सफलता केवल परीक्षा पास करने की नहीं है, बल्कि यह उस बदलाव की शुरुआत है जो सुकमा को शिक्षा और विकास के नक्शे पर एक नई पहचान दे रहा है।
58 विद्यार्थियों में से 43 छात्र हुए पास
यह बदलाव इस बात का प्रमाण है कि यदि सरकारी योजनाएं ईमानदारी और जमीनी स्तर पर लागू की जाएं, तो कोई भी क्षेत्र पिछड़ा नहीं रह सकता। बता दें कि शासन की ओर से संचालित क्षितिज कोचिंग सेंटर के 58 विद्यार्थियों में से 43 छात्रों ने नीट की परीक्षा पास की है।
आत्मसमर्पित नक्सली की बेटी बनेगी डॉक्टर
नीट परीक्षा पास करने वाली संध्या कुंजाम आत्मसमर्पित नक्सली की बेटी है। संध्या के पिता रमेश कुंजाम ने 2002 में नक्सलवाद को छोड़कर आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण के बाद से जगरगुंडा छोड़कर एर्राबोर में रहने लगे हैं। सरेंडर के बाद सरकार ने गोपनीय सैनिक के बाद प्रधान आरक्षक बनाया है।
रमेश कुंजाम सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए बताते हैं कि प्रशासन और शासन की मदद से बच्चों के भविष्य को संवारने में सहयोग मिल रहा है।