CG – महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रेडी टू इट परियोजना में बस्तर के महिला समूहों के खिलाफ़ असंगत हैं अभिव्यक्ति की शर्तें : तरुणा साबे, AAP

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रेडी टू इट परियोजना में बस्तर के महिला समूहों के खिलाफ़ असंगत हैं अभिव्यक्ति की शर्तें : तरुणा साबे
रेडी टू ईट योजना में विभगीय् स्तर पर स्थानीय महिला समितियों के अधिकारों गई हो रही है अनदेखी : आम आदमी पार्टी
जगदलपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बस्तर जिला सहित समस्त अंचलों में आंगनबाड़ियों के माध्यम से रेडी टू ईट योजना अंतर्गत पूरक आहार निर्माण एवं वितरण की व्यवस्था के लिये योजना तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य पोषण सुरक्षा को सुदृढ़ करना है, किंतु इसकी कार्यान्वयन प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव तरुणा साबे ने इस परियोजना में स्थानीय महिला समितियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होने कहा हैकि इस योजना में भागीदारी हेतु स्थानीय महिला समितियों से “अभिव्यक्ति” के माध्यम से रुचि आमंत्रित की हो है, लेकिन विभाग द्वारा इसे प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है, साथ ही नियम शर्तो के माध्यम से स्थानीय समितियो पर अत्यधिक वित्तीय बोझ डालने का प्रयास भी किया गया है। जिससे यह संदेह गहराता है कि यह प्रक्रिया पूर्वनियोजित तरीके से विशेष समितियों को लाभ पहुँचाने के लिए की गई है। उन्होने कहा कि विभागीय अधिकारियों ने नियम व शर्तों में ऐसी जटिलताएँ और बाधाएँ जोड़ी गईं हैं, जिनसे सामान्य और आर्थिक रूप से कमजोर महिला समूहों का चयन लगभग असंभव बना दिया गया है।
आम आदमी पार्टी द्वारा यह आरोप लगाया गया हैकि यह अभियक्ति कि रुचि मात्र दिखावा है, जबकि परियोजना में पूर्वनियोजित चयन की आशंका है। नियम शर्तो के अवलोकन के बाद इन परिस्थितियों से यह प्रतीत होता है कि विभागीय अधिकारियों की मंशा कुछ खास समितियों को ही यह कार्य सौंपने की है, जिससे निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगते हैं। यह महिला सशक्तिकरण की खोखली नीतियों का पर्दाफाश करता है और बस्तर की मेहनती महिला समितियों के प्रति अन्यायपूर्ण है।
• आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया :
इस विषय में आम आदमी पार्टी की प्रदेश सचिव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया समानता, पारदर्शिता और महिला अधिकारों के विरुद्ध है। उन्होंने प्रेस नोट जारी करते हुए मांग की कि :
1. वित्तीय शर्तों और पात्रता मापदंडों में तुरंत बदलाव किया जाए, जिससे सभी स्थानीय महिला समितियों को समान अवसर प्राप्त हो।
2. योजना की चयन प्रक्रिया में समीक्षा एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
3. एक ही समिति को आंगनबाड़ी संचालन का कार्य सौंपे जाने के निर्णय की पुनरावृत्ति की जाए, ताकि एकाधिकार की स्थिति पैदा न हो।
रेडी टू ईट योजना में भागीदारी को लेकर बस्तर की महिला समितियों को वित्तीय क्षमता के अनुसार यदि काम देने का निर्णय करना है तो किसी एक समिति को पूरे ब्लॉक या जिले का काम क्यों देना चाहते हैं अधिकारी। आम आदमी पार्टी यह सुझाव देती हैकि जहाँ आंगनबाड़ी संचालित है वहां के स्थानीय समिति को क्यों इस परियोजना में शामिल करने का सोचा गया है। उन्होंने कहा विभागीय स्थानीय स्तर पर महिला सामितियों के अधिकारों की अनदेखी न केवल शासन की नीतियों की कमजोरी को दर्शाता है, बल्कि यह बस्तर की महिलाओं के आत्मनिर्भरता और योगदान को भी नकारने जैसा है। आम आदमी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए, समस्त महिला समितियों को न्याय और समान अवसर देने की माँग करती है।