छत्तीसगढ़

CG – महिला आयोग की सुनवाई में हुआ शत प्रतिशत निराकरण, राजनांदगांव के 15 मामलों में से 13 मामले हुए नास्तिबद्ध…

महिला आयोग की सुनवाई में हुआ शत प्रतिशत निराकरण

राजनांदगांव के 15 मामलों में से 13 मामले हुए नास्तिबद्ध

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं सदस्य ओजस्वी मडावी ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष राजनांदगांव में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 321वीं एवं राजनांदगांव जिला की 8वीं सुनवाई हुई।

आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया अनावेदक उनकी बहु है। आवेदिका जिनका न्यायाल से तलाक हो गया है। अतः कोई कार्यवाही नहीं चाहती है। अनावेदक ने विवाह विच्छेद की अनावेदिका डिग्री कुटुम्ब न्यायालय राजनांदगांव व्यवहार कं. 33/1/2025 पीठासीन अधिकारी विनीता वार्नर के न्यायालय से तलाक सम्पन्न होने की जानकारी अनावेदक ने दिया। अब मामला जारी रखने से औचित्य नहीं लगता है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक प्रकरण में आवेदिका आंगनबाडी कार्यकर्ता का कार्य कर रही थी किन्तु अनावेदक ग्राम अरसीटोला सभी 900 ग्रामीणों के शिकायत से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद से हटा दिया गया है। आवेदक ने स्वयं स्वीकार किया जनवरी 2025 से काम पर नहीं जा रही है। उनका स्थानांतरण भी नहीं हो सकता है ऐसी दशा में आवेदक की शिकायत का निराकरण किया जाना वापस काम पर लिया जाना निर्देश दिया। मानवीय दृष्टि से आवेदक को अन्य किसी स्थान पर कार्य में लिया जाय ऐसी अनुशंषा किया जाये ताकि आवेदक का रोजगार कायम रहे। इस निर्देश के स्तर पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। आवेदिका को ऑर्डरशीट की कापी निःशुल्क दिया गया।

आवेदिका नजुल की जगह पर अपने नाम पर मकान लेकर रह रही। अनावेदक उसकी बेटी 20 साल से आवेदिका के साथ रह रही, वर्तमान में अनावेदक अपने मामा के मकान में रहती है। और आवेदिका अपने मकान में रहती है। दोनों का स्थल निरीक्षण संरक्षण अधिकारी राजनांदगांव के द्वारा किया जाकर आयोग को रिपोर्ट प्रेषित किया जाये। निरीक्षण के आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा। ऑर्डर शीट की कॉपी संरक्षण अधिकारी को दिया गया।

अनावेदक जानबूझकर अनुपस्थित जबकि वह शासकीय शिक्षक है। आवेदिका ने बताया कि विधिवत तलाक लिये बिना वह भी भिलाई के आत्मानंद स्कूल के शिक्षक है। वह भी यह जानती है कि आवेदिका एवं अनावेदक का तलाक नहीं हुआ है फिर भी अवैधानिक एवं शून्य विवाह के साथ रह रहे है। आवेदिका ने बताया कि न्यायालय में प्रकरण प्रारंभ हो गये है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

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