प्रकरण को सुलह के लिये सखी को दिया गया
पत्नी-बच्चों को घर भिजवाया, दूसरी पत्नी को नारी निकेतन भेजने का आदेश, पति के खिलाफ प्रतिबंध कार्यवाही, दूसरा विवाह पर कार्यवाही हेतु निःशुल्क वकील दिलाया
जांजीगर - चांपा : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य सरला कोसरिया, प्रियंवदा सिंह जूदेव, लक्ष्मी वर्मा ने आज जिला पंचायत सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 29 प्रकरणों पर जन सुनवाई की छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर की 290 वीं एवं जांजगीर जिले में 11 वीं सुनवाई हुई।
आज के सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया कि वह सावते माह कि गर्भावस्था के दौरान अनावेदक ने मकान खाली कराने हेतु पत्राचार किया था जिसके खिलाफ आवेदिका ने आवेदन किया था। आवेदिका संविदा में कार्यरत है उन्हे वैधानीक रूप से डॉ. के पात्रता वाल मकान में रहने कि अधिकारीता नहीं है, पर उसे अब तक वहा रहने दिया गया है. यदि दोबारा उसे मकान खाली करने के लिए कहा जाएगा तो वह खाली कर देगी आवेदिका प्रकरण में आगे कोई कार्यवाही नहीं चाहती थी इसलिए आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका के शिकायत पर थाना पांमगढ़ में दिनांक 14 सित्मबर 2024 को अपराध क. 350 / 2024 धारा 376 (2) एन, 294 506, 323 का मामला दर्ज कर लिया गया है और अनावेदक डेढ माह जेल में भी रह है। जिसकी सुनवाई जिला न्यायालय चल रही है। आयोग द्वारा सखी सेंटर को निर्देश दिया गया कि विधिक सहायता दिला कर आवेदिका को मद्द किया जाये। ताकि अनावेदक को कड़ी से कड़ी सजा दिया जा सके । चूकी प्रकरण न्यायालय में चल रहा है इस वजह से आयोग में चलना अनुचित है इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया। दोनों पक्षों के मध्य सुलह हो गई दोनों पक्ष एक दुसरे के खिलाफ कार्यवाही नहीं चाहते हैं आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया आवेदिका ने कहा कि नैला थाना में अनावेदक के खिलाफ लिखित में शिकायत दिया गया है इसके बावजूद अब तक थाना में एफ. आई. आर दर्ज नहीं किया गया है। इस प्रकरण में एसपी जांजगीर को पत्र भेजा जाए कि इस आवेदिका के प्रकरण की निष्पक्ष जांज कर प्रकरण की अपराधिक मामला दर्ज कर उसकी रिपोर्ट 02 माह में आयोग में प्रेषित किया जाए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया आवेदिका और अनावेदक के 02 बेटियां और 01 बेटा है जिनकी उम्र 16 वर्ष, 15 वर्ष, और 13 वर्ष है अनावेदक द्वारा दूसरी महिला से शादि किया गया है। अनावेदक ने आवेदिका और बच्चों को घर से निकाल दिया है जबकि दोनों के बिच विधिवत तलाक नही हुआ है। बिना तलाक के दूसरा विवाह करना धारा 82 (1) बी.एन.एस के तहत कानूनी अपराध है। मामले कि गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग द्वारा नयाब तसीलदार वर्षा अग्रवाल को जिम्मेदारी दिया गया कि दूसरी पत्नी को हटा कर पति के घर में आवेदिका एवं बच्चों को रहने के लिए मद्द करेगें, बच्चों ने बताया कि दादी दादा द्वारा हमारे रहने में विरोध किया जायेगा।
इस वजह से प्रोटेक्सन अधिकारी द्वारा आवेदिका के सास ससुर को समझाईश दिया जायेगा और आवश्यकता अनुसार दूसरी महिला को नारी निकेतन भी भेजा जा सकता है। यह सभी कार्यवाही में नयाब तसीलदार वर्षा अग्रवाल व सखी सेंटर कि केन्द्र प्रभारी व एवं प्रोटेक्सन अधिकारी आवेदिका को निःशुल्क अधिवक्ता दिला कर धारा 82 (1) बी.एन.एस. अपराधिक परिवाद पंजीबद्ध करवाये प्रकरण के निराकरण में आवेदिका का सहयोग करेगें।
दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया जिससे पता चला कि आवेदिका की रिपोर्ट पर थाना डबरा में अनावेदक के विरूद्ध 14/07/2024 को एफ.आई.आर. न.262 दर्ज कर लिया है जिसमें धरा 74.331 (4) बी.एन.एस. का अपरायध दर्ज कर लिया है जिसमें अनावेदक जमानत पर है और प्रकरण डबरा न्यायालय में प्रकियाधीन है इस वजह से आयोग में चलना अनुचित है इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
इस प्रकरण में अनावेदक ने बताया सक्ती में परामर्श केन्द्र में डेढ़ माह का समय मिला है अनावेदक घर के तलाक में है ताकि आवेदिका और उसके बच्चे को ले जा सके । केन्द्र प्रभारी व प्रोटेक्सन अधिकारी दोनों बच्चों का सुलह करा कर आवेदिका को अनावेदक के घर भेजना है, ताकि आवेदिका का घर बस जाये। 02 माह के अंदर आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगें इस प्रकरण का नस्तीबद्ध किया गया।
अनावेदक अपनी पत्नी को साथ ले जाना चाहता है इस प्रकरण को सखी केन्द्र प्रभारी को सुपुर्द किया जाता है कि 02 माह के अंदर समझौता करा कर साथ रहने के लिए समझाइस दें ताकि घर बसाया जा सके और आयोग को 02 माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करे इस आश्य के साथ प्रकरण का नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका अपना प्रकरण संशोधन कर रायपुर में सुनवाई चाहती है। आवेदिका प्रकरण के लिए रायपुर में उपस्थित होगें। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका ने बताया उनके मामले न्यायालय में प्रकियाधीन है इस वजह से आयोग में चलना अनुचित है इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया ।आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित मामला संपत्ति विवाद का है। इसलिए तहसील डबरा के तहसील दार को एक पत्र आयोग की ओर में प्रेषित किया जायेगा कि प्रकरण में 02 माह के अन्दर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा इस प्रकरण में ऑडर शीट की प्रति सखी की प्रशासिका को दिया जाता है।
इस प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही हेतु तहसीलदार डबरा सहयोग करे । ऑडर शीट की निःशुल्क प्रति सखी प्रभारी व आवेदिका को दिया जाता है। सखी प्रभारी 02 माह में इनकी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करे इसके साथ ही प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक ने तलाक का दस्तावेज प्रस्तुत किया इस अधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका की शिकायत पर पंजीबद्ध हो चुका है। आवेदिका के प्रकरण में समझौता हो चुका है आवेदिका प्रकरण चलाना नहीं चाहते है । प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया ।
आवेदिका उपस्थित अनावेदकगण अनुपस्थित दोनों के बीच का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रकरण में सुना जाना संभव नहीं प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
आवेदिका उपस्थित अनावेदकगण अनुपस्थित आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध धारा 498 के चलाया था जिसमें न्यायालय से दूर गया है। प्रकरण आयोग में चलना अनुचित है इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।