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छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047: विकसित छत्तीसगढ़ की नींव, जनता के सपनों का संकल्प…..

रायपुर, छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर, अटल नगर में आयोजित एक भव्य समारोह में “छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047” दस्तावेज को प्रदेश की जनता को समर्पित किया। यह दस्तावेज न केवल छत्तीसगढ़ के भविष्य की दिशा तय करता है, बल्कि आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का एक ठोस संकल्प भी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “यह केवल कागज का दस्तावेज नहीं, बल्कि तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के सपनों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत@2047 के संकल्प से प्रेरित है और छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

विकास का स्पष्ट रोडमैप

“छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047” को तैयार करने में व्यापक जनभागीदारी, विशेषज्ञों की राय और नीति आयोग के सहयोग को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दस्तावेज के निर्माण में वर्किंग ग्रुप्स, संभाग स्तरीय जनसंवाद और ‘मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़’ पोर्टल के माध्यम से जनता के सुझावों को शामिल किया गया। यह विज़न अल्पकालिक (2030), मध्यकालिक (2035) और दीर्घकालिक (2047) लक्ष्यों के साथ एक स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करता है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा

“जहां सोच बड़ी हो, दिशा स्पष्ट हो और जन-जन की भागीदारी हो, वहां विकास की गति को कोई रोक नहीं सकता। यह विज़न छत्तीसगढ़ को न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएगा, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी संतुलित विकास सुनिश्चित करेगा।”

प्रमुख लक्ष्य और उपलब्धियाँ

1. आर्थिक विकास:
– छत्तीसगढ़ की जीडीपी को वर्तमान 5 लाख करोड़ रुपये से 2030 तक 11 लाख करोड़ और 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य।
– प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि का महत्वाकांक्षी लक्ष्य।
– स्टील उत्पादन को 2030 तक 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन, कोयला उत्पादन को 207 मिलियन टन से 437 मिलियन टन और आयरन ओर उत्पादन को 46 मिलियन टन से 100 मिलियन टन तक बढ़ाने की योजना।
– लिथियम खनिज ब्लॉक की सफल नीलामी के साथ छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना।

2. कृषि और किसान कल्याण:
– कृषि उन्नति मिशन, जैविक खेती और निर्यात आधारित योजनाओं के माध्यम से 2047 तक किसानों की आय में 10 गुना से अधिक वृद्धि का लक्ष्य।
– किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती।

3. स्वास्थ्य और शिक्षा:
– आयुष्मान भारत योजना के तहत 87% आबादी पहले ही कवर, 100% कवरेज का लक्ष्य।
– नवा रायपुर में मेडीसिटी, बस्तर और सरगुजा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना।
– युक्तियुक्तकरण के बाद कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं। 5,000 नई शिक्षक भर्तियाँ, 1,000 पीएमश्री स्कूल, 36 आदर्श कॉलेज और ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना।

4. अधोसंरचना और कनेक्टिविटी:
– 1853 से 2014 तक बने 1,100 रूट किलोमीटर रेलमार्ग को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य।
– बोधघाट परियोजना से सिंचाई और बिजली उत्पादन में विस्तार।
– सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से उद्योगों को एक क्लिक पर मंजूरी।

5. पर्यटन और पर्यावरण:
– पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर बस्तर और सरगुजा में होम-स्टे और ईको टूरिज्म को बढ़ावा।
– वर्तमान में 2 करोड़ पर्यटकों को 2047 तक 10 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य।
– 44% वन क्षेत्र को देश का ऑक्सीजन हब बनाने की योजना।
– बस्तर के कलागुड़ा में प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण जैसे नवाचार।

6. रोजगार और स्किल डेवलपमेंट:
– बेरोजगारी दर को 2.7% से घटाकर 2047 तक 1% से कम करने का लक्ष्य।
– पैन-आईआईटी के सहयोग से स्किल डेवलपमेंट और सेमीकंडक्टर प्लांट, एआई डाटा सेंटर पार्क की स्थापना।
मुख्यमंत्री का संदेश: संकल्प से सिद्धि तक

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के साथ विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यह विज़न जनभागीदारी का प्रतीक है, जिसमें हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि छत्तीसगढ़ का स्टील, कोयला और बिजली उत्पादन विकसित भारत की भव्य इमारत को फौलादी बनाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक नीतिगत और प्रशासनिक सुधार किए गए हैं, जिसके परिणामांक 6.75 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी का उद्बोधन

वित्त एवं योजना मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने विज़न दस्तावेज की रणनीतिक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह 13 सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, अधोसंरचना, लॉजिस्टिक्स, कृषि, पर्यटन, संस्कृति और पर्यावरण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 200 से अधिक नीतिगत और संस्थागत पहलें प्रस्तावित की गई हैं, जो समयबद्ध और मापनीय परिणामों पर आधारित हैं। श्री चौधरी ने कहा, “यह विज़न छत्तीसगढ़ को उद्योग, सेवा, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश का प्रमुख केंद्र बनाएगा। 5,000 स्मार्ट विलेज और 10 स्मार्ट सिटीज़ के निर्माण के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को देश का अग्रणी आईटी हब बनाने की दिशा में काम होगा।”
जनभागीदारी और सांस्कृतिक संरक्षण

इस विज़न को तैयार करने में युवाओं, महिलाओं, किसानों और विभिन्न हितधारकों के सुझावों को शामिल किया गया है। यह दस्तावेज राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को भी सम्मान देता है। नागरिक सहभागिता पोर्टल के माध्यम से योजनाओं में जनता की भागीदारी को और बढ़ाया जाएगा।
ऐतिहासिक अवसर और नेतृत्व

कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने की। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मंत्रीगण, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विज़न दस्तावेज छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष और अटल निर्माण वर्ष में जनता को समर्पित करना एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे इस साझा सपने का हिस्सा बनें और 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करें।

“छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047” न केवल एक दस्तावेज है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का वादा है। यह आर्थिक समृद्धि, सामाजिक समावेश और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाते हुए राज्य को विकास के नए शिखर पर ले जाएगा। जैसा कि मुख्यमंत्री ने कहा, “जब रास्ता स्पष्ट हो, संकल्प दृढ़ हो और मेहनत हो, तब कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।”

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