छत्तीसगढ़

CG – कहने को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकिन सुविधाएं प्राथमिक केंद्र जैसी भी नही नर्सों के भरोसे मरीजों का ईलाज ड्यूटी छोड़कर डॉक्टर बेपरवाह पढ़े पूरी ख़बर

कोरबा//पाली ब्लाक मुख्यालय पाली में स्थापित अस्पताल को वैसे तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा प्राप्त है और यहां 24 घण्टे स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने राज्य शासन के निर्देश होने के साथ मरीजो को बेहतर ईलाज देने के भले ही लाख दावे किए जाते हो, लेकिन यहां सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी भी नही है। इस अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों के मनमानी बतौर ड्यूटी छोड़कर नदारद रहने के चलते मरीजो को भटकना ही नही पड़ रहा,बल्कि उन्हें समय से ईलाज भी नही मिल रहा है। इस चिकित्सीय अव्यवस्था के चलते लोगों का इस अस्पताल से मोह भंग हो रहा है और उचित उपचार पाने मरीजों को निजी क्लिनिक अथवा झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने की मजबूरी बनी हुई है।

पाली स्थित सीएचसी हॉस्पिटल पुराने ढर्रे पर चल रहा है। अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सेवाओं का दम निकल रहा है। डॉक्टर मनमानी से बाज नही आ रहे है। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ज्यादातर नदारद रहते है तो कभी समय से ड्यूटी पर भी नही पहुँचते है। वर्तमान बरसाती मौसम में जलजनित रोगों का खतरा बढ़ गया है, वहीं अनियमित खानपान के कारण दस्त और उल्टी से ग्रस्त मरीज की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा आए दिन घटना और दुर्घटना में घायल मरीजों के मामले भी इस अस्पताल में बढ़े है। लेकिन डॉक्टरों के उपलब्ध नही होने से उपचार के लिए यहां पहुँचे लोगों की भीड़ लग रही है। जिनमे से कुछ मरीज ऐसे होते है जो ढंग से खड़े भी नही हो पाते और ईलाज के इंतजार में कराहते हुए बैठे रहते है। जहां उन्हें देखने वाला कोई भी डॉक्टर मौके पे मौजूद नही रहता। चिकित्सकों के ड्यूटी पर उपलब्ध नही होने से यहां भर्ती मरीजों का उपचार नर्सों के भरोसे हो रहा है, जो नए मरीज के जाने पर डॉक्टर के आने के बाद उपचार कराने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते है। इमरजेंसी यूनिटों में भर्ती कई मरीज तो यहां की अव्यवस्था को देख प्राइवेट अस्पताल में जाना चाह रहे है पर उन्हें रेफर करने के लिए भी डॉक्टर उपलब्ध नही होते। वहीं गरीब वर्ग के मरीज इस अस्पताल की लचर स्थिति से हलाकान होकर झोलाछाप डॉक्टरों की शरण मे जाने को मजबूर है। कुल मिलाकर कहा जाए तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टरों की मनमानी से अस्पताल के हालात इन दिनों बेहद बिगड़े हुए है और यह अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है, जहां ईलाज कम व रेफर ज्यादा किया जाता है। इस ओर न जिला प्रशासन का ध्यान है, न संबंधित जिले के अधिकारी का, और न ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का। यही कारण है कि इस स्वास्थ्य केंद्र की ख्याति पर डॉक्टरों का रवैया भारी पड़ रहा है।

Related Articles

Back to top button