दीक्षांत समारोह केवल डिग्री प्राप्ति का अवसर नहीं, बल्कि जीवन में नई जिम्मेदारियों के निर्वहन की शुरुआत है – उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा…

रायपुर: भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग के इतिहास में आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई, जब विश्वविद्यालय परिसर में प्रथम दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के राजस्व एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की।
दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के 86 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। इसके साथ ही उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन करने वाले 9 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा 146 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रियां प्रदान की गईं।
समारोह को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री वर्मा ने सभी उपाधि प्राप्त शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत केवल डिग्री प्राप्ति का अवसर नहीं, बल्कि जीवन की नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। अर्जित ज्ञान का उपयोग समाज के विकास और राष्ट्र निर्माण में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी नवाचार की सदी है और शिक्षा को जीवन निर्माण का सशक्त माध्यम बनाना होगा। विश्वविद्यालय द्वारा ज्ञान, संस्कार और नवाचार का जो प्रसार किया जा रहा है, वह प्रदेश और देश के लिए गौरव की बात है।

उन्होंने प्राध्यापकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण की भावना का संचार करें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन–2047 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि श्री वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन कर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया तथा अपने करकमलों से शोधार्थियों और विद्यार्थियों को उपाधियां, स्वर्ण पदक एवं डिग्रियां प्रदान कीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
समारोह को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री डी.के. गोयल ने भी संबोधित किया। वहीं, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका द्वारा भेजे गए संदेश का वाचन विश्वविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती शालिनी चंद्राकर ने किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.एल. तिवारी, मैनेजिंग डायरेक्टर श्री जय चंद्राकर, कुल सचिव श्री बी.के. सक्सेना, प्राध्यापकगण, गणमान्य नागरिक, शोधकर्ता एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।



