CG:बेमेतरा जिले के सेवा सहकारी समिति में डीएपी खाद की कमी…वही निजी दुकानदारों को डीएपी खाद उपलब्ध हो रहा है…निजी दुकानदारों को लाभ पहुंचाने के लिए….आशीष छाबड़ा
जिले मे खाद की कमी

संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा में भाजपा की डबल इंजन सरकार पर आरोप लगाया है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है किसान वर्ग को सिर्फ और सिर्फ हताशा ही इस सरकार से मिली है पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा ने कहा कि पूरे प्रदेश में भाजपा द्वारा निर्मित कृत्रिम खाद्य संकट के कारण आज किसान परेशान है और डीएपी खाद के नाम पर अपनी गाड़ी कमाई को दुगनी कीमत पर देकर खुले बाजार से डीएपी खरीद रहा है पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा का कहना है कि अगर डीएपी की सप्लाई नहीं हो रही है तो निजी दुकानदारों को कैसे डीएपी बेचने को मिल पा रहा है कहीं ना कहीं यह भाजपा की डबल इंजन सरकार का ही कमाल है डीएपी की कालाबाजारी करने के नाम पर इसे सरकारी समितियां के हवाले ना करके निजी दुकानदारों को उपलब्ध कराया जा रहा है समितियां में डीएपी का मूल्य 1300 से 1400 के बीच में है जबकि यही निजी खाद्य कृषि केदो में 1800 से ₹2000 तक के भाव में बिक रहा है किसानों को डीएपी के नाम पर अधिक मूल्य पर देना पड़ रहा है साथ ही साथ आशीष छाबड़ा ने कहा कि किसानों को धान के पौधों की बढ़त और मजबूती के लिए नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की जरूरत होती है जो उसे डीएपी खाद से प्राप्त होता है इस कारण से छत्तीसगढ़ के किसान डीएपी खाद को प्राथमिकता देते हैं जबकि शासन द्वारा उन्हें डीएपी के स्थान पर अन्य खाद लेने पर मजबूर किया जा रहा है तथा सुझाव दिया जा रहा है जबकि दूसरी खादो में नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की मात्रा कम होती है जिससे धान के पौधों को उतनी बढ़त और मजबूती नहीं मिल पाएगी जितनी उसे डीएपी खाद से प्राप्त होती है इस तरह से जिला प्रशासन व किसी विभाग के द्वारा किसानों को डीएपी खाद के विकल्प के नाम पर भरमाया जा रहा है ज्यादा अच्छा होता है कि शासन प्रशासन एवं कृषि विभाग डीएपी खाद की उपलब्धता किसानों को प्रदान करने में अपनी शक्ति लगता ना कि उन्हें भरमाने में आज किसान अच्छी तरह से समझ गया है कि भाजपा उनकी हितैसी नहीं है भाजपा हमेशा से किसानों को छलते आई है और छलते रहेगी यही कारण है कि विगत तीन दफा से धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि होने के बावजूद भी भाजपा सरकार के द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए धान का समर्थन मूल्य ₹3100 ही रखा गया है जबकि इसे बढ़ाकर अब तक₹3500 कर दिया जाना था भाजपा ने किसानों से सिर्फ वोट लेने के नाम पर चुनाव में ₹3100 धान का मूल्य रखा था सत्ता में आने के बाद भाजपा उससे भी वह हटाना चाहती है साथ ही साथ किसानों को जो यह पैसा दे रही है वह भी भाजपा को अखर रहा है यही कारण है कि समय-समय पर कृत्रिम खाद की कमी अथवा धान खरीदी न करने का बहाना भाजपा सरकार के द्वारा बनाया जाता रहा है