देवी दरबारो में उमड़ने लगा आस्था का सैलाब, लखनपुर में विजयदशमी पर 60 फिट रावण का होगा दहन तैयारी जोरों पर।
((नया भारत सितेश सिरदार लखनपुर)):–शक्ति उपासना और भक्ति का महापर्व शारदीय नवरात्र के मौके पर देवी दरबारो में माता भक्तों की सैलाब दिन-प्रतिदिन उमड़ने लगी है। महामाया मंदिर के अलावा दूर्गा पंडालों में होने वाली संध्या आरती में प्रति शाम श्रद्धालुओं की अपार भीड़ बढ़ने लगा है। वातावरण भक्तिमय हो गया है,नगर लखनपुर के प्राचीन महामाया मंदिर तथा भवानी मंदिर दूर्गा मंडप बाजार पारा एवं नवचेतना दूर्गा पंडाल बस स्टैंड में देवी माता के भक्त उनके चौखट तक माथा टेकने पहुंच रहे हैं।जगत जननी की कृपा से जमीन आसमान हर दिशाएं सराबोर है। भक्तिमय वातावरण बना हुआ है भक्तों पर कृपा माता की बरसने लगी है,नवचेतना दुर्गा पंडाल बस स्टैंडं में खुले रूप से प्रतिमा पूजा प्रतिपदा तिथि से ही आरंभ हो जाती है,लेकिन लखनपुर बाजार पारा स्थित भवानी मंदिर में 1944 ईस्वी से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए सातवीं तिथि को मां दुर्गा के चेहरे से पर्दा उठाया जाता है। इसी रोज मां दुर्गा, सरस्वती लक्ष्मी, गणेश कार्तिकेय आदि देवी देवताए प्रकट होते हैं,अर्थात प्रतिमाओं के चेहरों को बेपर्दा किया जाता है,पुराने जमाने से भवानी मंदिर दूर्गा पंडाल की यही दस्तूर रही है। लेकिन पूजा अनुष्ठान शुरू से ही नित्य प्रति जारी रहता है,माता रानी के भक्त मां की दर्शन पाने उनके चौखट पर पहुंचने लगे हैं। भवानी मंदिर दूर्गा पंडाल में प्रतिदिन नौधा रामायण पठन-पाठन मानस मंडली सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। जो शारदीय नौरात्र के अंतिम दिन तक जारी रहेगा।
विजया दशमी के मौके पर 60फिट रावण पुतले का दहन प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसके मद्देनजर सभी तैयारिया पूरी की जा रही है, स्थानीय कारीगरों द्वारा रावण के पुतले को बनाकर आखरी शक्ल दिया जा रहा हैं। पुछे जाने पर कारीगरों ने बताया पुतला बनाने का मेहनाताना ,40 हजार रुपए रावण दहन कमेटी के ओर से दिया जायेगा।बुराई पर अच्छाई के जीत का प्रतीक रावण दहन साक्षरता मिनी स्टेडियम में भव्य एतिहासिक रूप से किया जायेगा। लखनपुर हाई स्कूल स्टेडियम में आसपास ग्रामीण इलाकों से बेहिसाब लोग रावण दहन कार्यक्रम को देखने सुनने पहुंचते हैं। रावण पुतले को बनाने में प्रेमानंद सारथी अनुराग सारथी मुकेश ,संतोष वार्ड क्रमांक 15 नपं लखनपुर के स्थानीय कारीगर शामिल हैं।