छत्तीसगढ़

CG – सड़क दुर्घटना पर पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने इ-डार पर फौरन भरे डिटेल जानकारी-डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर…

सड़क दुर्घटना पर पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने इ-डार पर फौरन भरे डिटेल जानकारी-डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर।

ई-डार यानि इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट पर हुआ प्रशिक्षण सत्र का आयोजन।

सूरजपुर। ई-डार यानि इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट के कार्यों को गति दिये जाने को लेकर डीआईजी व एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर जिले के थाना-चौकी प्रभारियों, सीसीटीएनएस ऑपरेटरों, पीडब्ल्यूडी, आरटीओ विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। सड़क दुर्घटना में मृत लोगों के परिजनों को समय पर मुआवजा भुगतान के लिए आइरेड और इ-डार पर दुर्घटना संबंधित रिपोर्ट थाना द्वारा अपलोड करनी होती है। प्रशिक्षण में स्टेप बाइ स्टेप जानकारी अपलोड करने की जानकारी दी गई।

इस ऑनलाइन एप पर सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट के अपलोड करने में विलम्ब होने के कारण मृतक के परिवार को मुआवजा भुगतान में विलंब होता है। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर के संज्ञान में यह बात सामने आयी तो उन्होंने सड़क दुर्घटना में पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने इस प्रशिक्षण का आयोजन कराया। उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर पर डाटा अपलोड नहीं हो पाने के कारण मुआवजा भुगतान में विलंब होता था इसलिए यह प्रशिक्षण दिलाया गया ताकि पीड़ित पक्ष को शीघ्र मुआवजा उपलब्ध हो सके। इस पोर्टल के पीछे शासन का मकसद यह है कि डिजिटल सिस्टम का फायदा लोगों को मिले और पीड़ित परिवार के लोगों को मुआवजा भुगतान में परेशानी ना हो।

एनआईसी के आई-रेड एवं इ-डार के ड्रिस्टिक रोलआउट मैनेजर जयप्रकाश मेश्राम ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने जानकारी दी कि ई-डार रिपोर्ट में एक से लेकर 10 तक फॉर्मेट भरना जरूरी है। इसे भरने की जानकारी दी। सभी फॉर्मेट को संबंधित मामले के अनुसंधानकर्ता द्वारा ही भरा जाना है। फॉर्मेट एक को पुलिस अनुसंधानकर्ता के हस्ताक्षर से अपलोड किया जाना है।

ज्ञात वाहन से मौत होने पर ई-डार पर रिपोर्ट करने के बाद पीड़ित परिवार को मुआवजा दिये जाने का प्रावधान किया गया है। पुलिस अनुसंधानकर्ता द्वारा ई-डार के सभी फॉर्मेट भरना जरूरी है। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि अज्ञात वाहन से मौत होने पर डीटीओ कार्यालय द्वारा प्रक्रिया करना होता है। जबकि ज्ञात वाहन से मौत होने पर मुआवजा आवेदन की जिम्मेदारी संबधित अनुसंधानकर्ता को दी गयी है। जिले के सभी चौकी व थाना में ई-डार के एक नोडल पुलिस पदाधिकारी बनाए गए हैं। उन्हें जिम्मेदारी दी गयी है कि केस आईओ से समन्वयक बनाकर ई-डार के फॉर्मेट में सभी कॉलम को पूरा करवाएं।

इस दौरान सीएसपी एस.एस.पैंकरा, एसडीओपी प्रतापपुर सौरभ उईके, एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी, एसडीओपी सूरजपुर अभिषेक पैंकरा, डीएसपी अजाक पीडी कुजूर, डीएसपी अनूप एक्का, रितेश चौधरी, डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, जिले के थाना-चौकी प्रभारी, जिला पुलिस कार्यालय के अधिकारी व सीसीटीएनएस ऑपरेटर मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button