“नौजवानों ! किसी भी कीमत पर चरित्र को गिरने मत देना।” – परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज
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“नौजवानों ! किसी भी कीमत पर चरित्र को गिरने मत देना।” – परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज
चरित्र सही रहेगा तो विचार-भावनाएं अच्छी आएंगी।
उज्जैन। परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने अपने सतसंग में बताया कि भारत देश के बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना बहुत बड़ा अभिशाप बन जाएगा। इसलिए आप लोग अपने-अपने बच्चे और बच्चियों का ध्यान रखो। कहां जा रहे हैं, क्या कर रहे हैं, किसके साथ जा रहे हैं, गलत आदतो में तो नहीं पड़ जा रहे हैं? इस पर आप लोग अगर ध्यान नहीं दोगे तो कुछ दिन के बाद आधा देश पागल हो जाएगा।
पागल किसको कहते हैं ? एक तो पागलपन होता है कि जब आकाश तत्व की कमी हो जाती है तब बुद्धि उसकी नहीं रहती है तो वह पागल हो जाता है और एक पागल ऐसा होता है कि जो नशे में पागल हो जाता है, तब बुद्धि उसकी काम की नहीं रहती।
चरित्र गिरा तो समझो नरक का टिकिट कट गया
व्यभिचार करने वाला व्यक्ति भजन कर ही नहीं सकता है; चाहे औरत हो, चाहे आदमी हो।
सेवक सुख चह मान भिखारी। व्यसनी धन सुभ गति विभिचारी॥
जो व्यभिचारी होते हैं उनको शुभ गति मिलती नहीं है, उनके लिए तो नर्क का टिकिट हो गया है, नरक में तो यातना भोगनी ही पड़ेगी। इसलिए नौजवानों किसी भी कीमत पर चरित्र को मत गिरने देना।
चरित्र अगर सही रहेगा तो विचार अच्छे आएंगे
जरूरी चीजों को याद रखना चाहिए और जो लोग आप इन चीजों को गुरु के वचनों को छोड़ दे रहे हो उसको आप पकड़ो और खानपान सही रखो । खानपान सही रखने से चरित्र खराब नहीं होता है और चरित्र अगर सही रहेगा तो विचार अच्छे आएंगे भावनाएं अच्छी आएंगी, और काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार पर रोक लगेगी। शील, क्षमा, संतोष, विरह, विवेक आएगा। इससे भजन करने का प्लेटफार्म बनेगा।