डोड़की मानिकचौरी जुहली गिधपुरी इटवा विद्याडीह और खुडूभाठा में सरपंचों की वापसी लगातार दूसरी बार संभालेंगे गाँव की कमान पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर//पंचायती राज में 5 साल सरपंच रहने के बाद दूसरी बार वापस आना चुनाव जीतकर बहुत ही कठिन होता है लोग 5 साल में ही सरपंचों को जान लोंग दूर कर देते हैं और उनकी वापसी तभी संभव होती है जब यह अच्छे कार्य करते हैं गांव वाले संतुष्ट होते हैं गांव का विकास लगातार होते रहता है और पंचायत को सभी के सलाह मशवरा से चलाया जाता है तब जाकर किसी सरपंच की दूसरी बात लगातार वापसी होती है कई बार तो ऐसा भी होता है जब एक बार सरपंच बनने के बाद इंसान दूसरी बार के लिए बहुत कोशिश करने के बाद भी विफल हो जाता है पर आज हम आपको कुछ ऐसे सरपंचों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूसरी बार लगातार चुनकर आए हैं
दशे मरकाम सरपंच डोड़की मस्तूरी
इससे पहले दशे मरकाम की पत्नी डोड़की की सरपंच थी बताया जाता है कि दशे मरकाम का यह तीसरा टर्म है मतलब वह गांव के तीसरी बार सरपंच बने हैं उनकी पत्नी सरपंच थी तब भी काम यही कराया करते थे और लोगों ने उनकी ईमानदारी साफ छवि और गांव के विकास को देखकर फिर से इनको चुनकर लाया है।
रामायण साहू मानिकचौरी सरपंच
रामायण साहू पचपेड़ी के समीप स्थित ग्राम मानिकचौरी के दूसरी बार लगातार सरपंच बने इनका सरल और सहज व्यवहार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है काम करने में भी माहिर है गांव में आज एक भी ऐसा रोड नहीं है जो कीचड़ युक्त हो इन्होंने पूरे गांव में सीसी रोड का जाल बिछा दिया है इनकी विकास कार्यों को देखकर जनता ने इनको फिर से सरपंच चुना है।
वनांचल गांव जुहली त्रिभुवन गोंड की वापसी
जंगलों के बीच प्राकृतिक नजारों से शराबोर ग्राम पंचायत जूहली में लगातार दूसरी बार त्रिभुवन गोंड चुनकर आए हैं पहले टर्म में त्रिभुवन गोंड खुद सरपंच थे और 5 साल शानदार तरीके से गांव का विकास किया अबकी बार उनकी पत्नी सरपंच बनकर आई है क्योंकि महिला सीट होने के कारण उनकी पत्नी को सरपंच चुना गया है।
गिधपूरी बालाराम जांगड़े की वापसी
गिधपुरी में वैसे तो कई सरपंच के दावेदार थे पर बालाराम जांगड़े ने सभी को पछाड़कर लगातार दूसरी बार पंचायत में सरपंच के पद पर वापसी की गांव के लोग बताते हैँ कि उनके सरपंच बनने के पहले गांव में भारी मात्रा में अवैध रूप से शराब बेची जाती थी जिसको इन्होंने सरपंच बनने के बाद पूरी तरह से बंद करवा दिया जिसका इनाम उनको गांव की जनता ने दूसरी बार सरपंच बना कर दिया है।
इटवा में सोभाराम रात्रे की वापसी
मस्तूरी के समीप स्थित ग्राम पंचायत इटवा में शोभाराम रात्रे लगातार दूसरी बार सरपंच चुनकर आए हैं यह भी बहुत ही साफ छवि के नेता माने जाते हैं और गांव में उनकी अच्छी पकड़ है 5 साल लगातार इन्होंने गांव की जनता के हित में काम किया गांव में किसी प्रकार की शिकवा शिकायत देखने को नहीं मिली उनके कार्य से गांव की जनता संतुष्ट रही और दूसरी बार फिर से चुनकर इनको सरपंच बनाया।
विद्याडीह में भी सरपंच की वापसी
मटिया विद्याडीह में भी सरपंच दूसरी बार लगातार चुनकर आए हैं गांव की जनता ने मतदान कर उनकों दूसरा मौका दिया है गांव का विकास करने का पहले टर्म में उनके कार्यों से जनता संतुष्ट रहे और दूसरा मौका दिया है।
कृष्णा यादव खिडूभाठा वापसी
पिछली बार कृष्णा यादव खुद सरपंच बने थे पर इस बार सीट बदल जाने के कारण उन्होंने अपना केंडिडेट खड़ा किया था जो जीत कर आए हैं पुरे गांव वालों की सलाह से यह फैसला लिया गया और गांव वालों ने कृष्णा यादव को सपोर्ट किया और उनके समर्थित केंडिडेट को चुनकर सरपंच बनाया है।