छत्तीसगढ़

ग्राम लहपटरा में न्याय नहीं मिलने से क्षुब्ध ग्रामीण परिवार बैठे अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर, दी आत्मदाह की चेतावनी,शासन से लगाई न्याय की गुहार।


((नयाभारत सितेश सिरदार सरगुजा)):–
सरगुजा जिले में अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग अपनी ही जमीन पाने के लिए सालों साल न्यायालय का चक्कर लगाते हैं, फिर भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। दरअसल पूरा मामला लखनपुर विकासखंड के ग्राम लहपटरा का है।जहां आवेदक की खुद की जमीन के मामले में न्याय नहीं मिलने पर क्षुब्ध होकर ग्रामीण परिवार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सोमवार से शुरू कर दी है, महिला पुरुष बच्चे मिलाकर लगभग 8 से अधिक लोग इस भूख हड़ताल में बैठे हुए हैं। वही भूख हड़ताल में बैठे ग्रामीण परिवार की सुरक्षा को लेकर पुलिस मौके पर मौजूद है। पीड़ित ग्रामीण रामाधार पिता कनेश्वर रजवार पट्टे की भूमि खसरा क्रमांक 571/2 रकबा 0.0033 हेक्टर लहपटरा स्कूल में स्थित है। आरोप है कि गांव के श्यामधारी पिता दामोदर रजवार उम्र 55 वर्ष के द्वारा आवेदक के पट्टे की भूमि पर जबरन कब्जा कर मकान निर्माण कराया जा रहा है।जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा लखनपुर तहसील न्यायालय में किया गया जिसमें तहसीलदार द्वारा स्थगन आदेश माह अक्टूबर 2024 में दिया गया था। आवेदक का आरोप है हल्का पटवारी और आर आई मौके जांच करने गांव पहुंच और किसी को बिना बुलाए पंचनामा तैयार कर जांच रिपोर्ट तहसील न्यायालय में पेश कर दिया गया, इसके बाद स्थगन आदेश को समाप्त कर दिया गया। आवेदक ने एसडीएम न्यायालय में आवेदन पेश किया।
एसडीएम न्यायालय से मामले में जनवरी माह 2025 को स्थगन आदेश पारित कर उक्त भूमि पर दोनों पक्षों को किसी निर्माण करने रोक लगाया गया और अनावेदक को न्यायालय में उपस्थित होने कहा गया। एसडीएम न्यायालय में अनावेदक को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया परंतु अनावेदक द्वारा कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। दो माह बीत जाने के बाद भी मामले का निराकरण नहीं होने के बाद अनावेदक श्यामधारी के द्वारा न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए उक्त भूमि पर मकान निर्माण कर ढलाई का कार्य शुरू कराया जा रहा था। आवेदक पक्ष लखनपुर थाने पहुंचा जहां जमीन संबंधित मामला होने पर पुलिस ने धारा 174 के तहत फ़ैना काटकर न्यायालय जाने की सलाह आवेदक पक्ष को दी।पीड़ित परिवार खुद की जमीन पाने के लिए न्याय नहीं मिलने पर क्षुब्ध होकर ग्रामीण परिवार ने 22 सितंबर दिन सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है,न्याय नहीं मिलने पर ग्रामीण परिवार आत्मदाह की चेतावनी भी दी है। पीड़ित परिवार शासन से न्याय की गुहार लगा रहा है अब देखने वाली बात होगी कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा।

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