जिनका तीसरी आँख, तीसरा कान, तीसरी नाक के सामने का पर्दा हट गया है, उनके लिए नवरात्र में उज्जैन आश्रम पर साधना शिविर लगेगी…

जिनका तीसरी आँख, तीसरा कान, तीसरी नाक के सामने का पर्दा हट गया है, उनके लिए नवरात्र में उज्जैन आश्रम पर साधना शिविर लगेगी
जिनका पर्दा नहीं हटा है, उन्हें नवरात्र में अपने-अपने घरों में ज्यादा से ज्यादा समय साधना में देना है
जयपुर, राजस्थान। बाबा उमाकान्त महाराज ने 11 सितंबर 2025 को जयपुर, राजस्थान से अपने भक्तों को विशेष संदेश देते हुए कहा कि इस समय पर पितृ पक्ष चल रहा है और इसमें लोग कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं। लेकिन इसके बाद देव पक्ष आएगा, जिसको नवरात्र कहते हैं, और उसमें नौ दिन शुभ काम होगा। वह नौ दिन का जो मुहूर्त होता है, उसमें कुछ पूछना नहीं पड़ता है, कोई मुहूर्त निकलवाना नहीं पड़ता है। उन नौ दिन में चौबीस घंटे कभी भी, कोई भी काम, किसी भी दिन करो, तो वह शुभ मुहूर्त होता है। अब ऐसे शुभ मुहूर्त हर साल आते हैं; चैत्र के महीने में और क्वांर के महीने में। तो वह अभी आने वाला है 22 तारीख से। उस शुभ मुहूर्त में साधना शिविर लगाई जाएगी।
कहाँ लगाई जाएगी? उज्जैन आश्रम पर। लेकिन सबको उसमें नहीं जाना रहेगा। केवल वे लोग जाएंगे, जिनका तीसरी आँख का, तीसरी कान का, तीसरी नाक का पर्दा हट गया है। तो जिनका यह पर्दा हट गया है और साधना करने जाना चाहते हैं, वे जाएंगे। वहाँ पूछताछ भी होगी। पूछने से पता चल जाता है, चेहरे-मोहरे से ही मालूम हो जाता है कि इसकी साधना बनती है, इसकी नहीं बनती है। तो अगर धोखा हुआ तो उसका नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए थोड़े ही लोग जाएंगे; जिनको आगे बढ़ाना है और जिनको कुछ सुनाई पड़ रहा है, जिनको दिखाई पड़ रहा है या जिनको दोनों; दिखाई-सुनाई पड़ रहा है, ऐसे लोग वहाँ पर, उज्जैन आश्रम पहुंचेंगे।
जिनका पर्दा नहीं हटा है, उनके लिए आदेश…
जिनका पर्दा नहीं हटा है, उनके लिए एक सरल रास्ता यह निकाला जा रहा है कि अपने-अपने घरों में साधना करो। यह जो नवरात्र आती है, यह क्या बताती है? बताती है कि यह जो भूत हैं; काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार, जो चौबीस घंटे सबके ऊपर सवार रहते हैं, यह ढीले पड़ जाएं, परेशान ना करें। और यह जो तमोगुण, रजोगुण और सतोगुण हैं, ये शांत हो जाएं।
तो अपने-अपने घरों में अब साधना करनी है, सबको समय निकालना है जितने भी नामदानी हैं; चाहे भारत देश में हो, चाहे विदेशों में किसी भी देश में हो, जो भी नामदानी हैं गुरु महाराज के या गुरु महाराज के जाने के बाद जिनको नामदान दिया गया है; सबके लिए ये आदेश जारी किया जा रहा है कि सब लोगों को 9 दिन अपने-अपने घरों में साधना करनी है। जो ज्यादा समय दे देगा, उसको तो दया मिलेगी ही मिलेगी और किसी-किसी को तो आप समझो जो 8 घंटा, 10 घंटा, 12 घंटा बैठ गया लगातार; 24-24 घंटे में इतना समय जो बैठ गया; उसमें बहुत से लोगों को अनुभव (अंतर में) हो जाएगा।
जब संकल्प बनाकर के करोगे तो दया हो जाएगी। अगर 9 दिन में 3 दिन भी इसी तरह समय निकाल लिया साधना के लिए, तो बहुत से कर्म कट जाएंगे, तकलीफों में राहत मालूम पड़ने लग जाएगी।