मध्यप्रदेश

17 से 25 मई तक साधना का यह मुहूर्त अपने घर पहुंचने, देवी देवताओं के दर्शन, और स्वर्ग बैकुंठ में घूमने का निकाला है…

17 से 25 मई तक साधना का यह मुहूर्त अपने घर पहुंचने, देवी देवताओं के दर्शन, और स्वर्ग बैकुंठ में घूमने का निकाला है

इन नौ दिनों में अपनी आत्मा को जगा लो, देने वाला तैयार है बस उसके सामने झोली फैला दो

उज्जैन। बाबा उमाकान्त महाराज ने 16 मई, 2025 को उज्जैन आश्रम पर सतसंग में कहा कि हम तो केवल हाथ जोड़कर के विनय कर सकते हैं सभी लोगों से। आप जितने भी नामदानी हो, हम तो आपसे हाथ जोड़ करके यही प्रार्थना करते हैं कि आप लोग इस शुभ मुहूर्त में शरीक हो जाओ, आ जाओ, अभी समय है। कल सुबह 11:00 बजे से 5 दिन की अखंड साधना शिविर की शुरुआत हो जाएगी। और यह अखंड चलेगा, कोई ना कोई आता रहेगा जाता रहेगा। तो यहां की व्यवस्था की जो जिम्मेदारी लिए हैं साधना कराने की, व्यवस्था की ये सब लोग बना लेंगे आप लोग। 5 दिन का यह अखंड साधना शिविर चलेगा। उसके बाद में तीन दिन का गुरु महाराज का भंडारा का कार्यक्रम जो पहले से घोषित है वह शुरू होगा। उसमें भी साधना ही होगी, सुबह शाम साधना ही होगी।

सभी नामदानियों तक यह संदेश पहुंचा दो कि देने वाला, लुटाने वाला इस समय पर तैयार है, झोली फैला दो उनके सामने

जो नहीं पहुंच सकते हैं नहीं आ सकते हैं उनके लिए भी रास्ता बता दिया गया है तो उसको जो पढ़े–लिखे लोग आप गांवों, शहरों तक लोगों को पहुंचा दो। विदेशों में जो अपने नामदानी हैं उन तक संदेशा पहुंचा दो कि जितने भी नामदानी हो, जहां पर भी हो वहीं पर करो। 9 दिन में जगा लो अपनी आत्मा को। देने वाला लुटाने वाला इस समय पर तैयार है, झोली फैला दो उनके सामने। झोली फैल जाएगी गुरु के सामने तो झोली में कुछ ना कुछ डाल ही देंगे। तो ये बात बताओ लोगों को।

अगर तीन दिन भी उज्जैन आश्रम पर साधना कर लोगे तो भंडारे के प्रसाद की ताकत बढ़ जाएगी

आप प्रसाद लेने के लिए, सतसंग सुनने के लिए तो आते ही थे, तो अबकी बार साधना करने के लिए चल पड़ो। उनको ज्यादा लाभ होगा जो साधना करेंगे। प्रसाद का महत्व अलग है, प्रसाद तो अपना काम करेगा जो करता था, लेकिन यह कोई जरूरी नहीं है कि उतना काम करे जितना पहले करता था। लेकिन अगर तीन दिन के लिए भी आकर के, यहां बैठ करके दोनों समय साधना कर लेंगे तो उसी प्रसाद की ताकत बढ़ जाएगी जो अपने हाथ से लेकर के खाते थे, जो फल मिलता था, जो लाभ होता था, उसकी ताकत बढ़ जाएगी। इसलिए आह्वान कर लो, बुला लो सब लोगों को।

यह नौ दिन का मुहूर्त अपनी आत्मा को जगाने का है

देखो! कोई चीज कहीं सस्ती मिलती है, कोई चीज की जानकारी आदमी को होती है और वह यह सोचता है कि भाई हमको तो यह चीज सस्ती मिल गई, फायदा हो गया। अब फायदा हुआ तो हमारे रिश्तेदारों को भी हो जाए, हित मित्रों को भी हो जाए, हमारे दफ्तर में काम करने वाले साथियों को भी यह फायदा हो जाए, हमारे साथ जो व्यापार करने वाले व्यापारी जुड़े हैं उनको भी यह फायदा हो जाए, हमारे पड़ोसियों को भी फायदा हो जाए, तो वह यह चाहता है और उसके अनुसार उनको खबर देता है। ऐसे ही आप इस चीज की खबर जितने भी नामदानी हो, जहां तक पहुंच सको पहुंचा दो कि यह 9 दिन का मुहूर्त अपने आत्मा को जगाने का, अपने निज घर पहुंचने का, इसी मनुष्य शरीर में देवी–देवताओं के दर्शन करने का, स्वर्ग–बैकुंठ में घूमने का निकाला है। इस मुहूर्त में अपना काम बना लो।

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