राम-कृष्ण जैसे महापुरुषों ने भी विद्या गुरु और आध्यात्मिक गुरु किये थे, पूरे आध्यात्मिक गुरु को खोज कर भवसागर पार उतरो...

राम-कृष्ण जैसे महापुरुषों ने भी विद्या गुरु और आध्यात्मिक गुरु किये थे, पूरे आध्यात्मिक गुरु को खोज कर भवसागर पार उतरो

पद पैसा प्रतिष्ठा का अहंकार न करते हुए ऐसी जगह पर आना चाहिए जहां पर अनमोल चीज मिल रही हो

गुरु पूर्णिमा विशेष

 

6sxrgo

जयपुर (राजस्थान) : वीरों की भूमि जयपुर राजस्थान में चल रहे बाबा उमाकान्त जी महाराज के तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा सतसंग कार्यक्रम के अंतर्गत 21 जुलाई को गुरु महाराज ने गुरु पूर्णिमा के पावन दिन सतसंग सुनाते हुये भक्तों को बताया कि गुरु क्या है, कौन है, क्या देते हैं- इसकी जानकारी करना और कराना चाहिए। सात तरह के गुरु बताए गए। सतवां गुरु सत शब्द लखावा, जहां का जीव तहां पहुंचावा। भौतिक व आध्यात्मिक विद्या दोनों सीखने के के लिए गुरु चाहिए।

सहजोबाई ने कहा हरि गुरु के बिना नहीं मिल सकते और जगत का कोई भी काम गुरु के बिना पूरा नहीं हो सकता। गुरु की जरूरत सब जगह होती है। दुनिया के काम में भी गुरु बनाकर के उनसे सीखा जाता है। विद्या गुरु तो इस दुनिया की विधाओं की जानकारी करते हैं लेकिन आध्यात्मिक गुरु दुनिया के साथ-साथ आंखों से न देखी जाने वाली चीज की भी जानकारी कराते हैं। राम, भगवान कहे गए लेकिन उनको भी जानकारी करने वाले उनके विद्या गुरु विश्वामित्र और आध्यात्मिक गुरु वशिष्ठ थे। गुरु ने ही राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम और फिर भगवान राम बनाया। 

अहंकार छोड़ कर सच्चे गुरु के स्थान पर आओ

पद पैसा प्रतिष्ठा का अहंकार नहीं करना चाहिए और ऐसी जगह पर आना चाहिए जहां पर कुछ अनमोल चीज मिल रही हो जैसे आज नए लोगों को नाम दान दिया जाएगा। गोस्वामी जी महाराज रचित रामचरितमानस के उत्तर कांड को लोग कम पढ़ते हैं क्योंकि उसमें किस्से कहानी नहीं मिलती हैं। गोस्वामी जी ने उसमें आध्यात्मिक वर्णन किया है जिसे लोग समझ भी नहीं पाते, इसलिए उसमें रुचि नहीं रहती। कृष्ण के विद्या गुरु संदीपनी को अपने गुरु की सेवा का फल मिला अवतारी शक्ति का गुरु बनने के आशीर्वाद के रूप में मिला। कृष्ण के आध्यात्मिक गुरु सुपच थे।

महाभारत करने की तैयारी पूरी करने के बाद कृष्ण को भान हुआ कि प्रभु इस समय गुरु रूप में आए हुए हैं, सब जीवों पर बराबर दया हो रही है। तब उन्होंने जाकर सुपच जी से प्रार्थना किया कि आप अपनी दया की धार को समेटो नहीं तो दुष्टों का संहार नहीं हो पाएगा और सज्जन लोग अपना काम नहीं कर पाएंगे। जो दिखा करके सेवा करते हो, बता देते हो तो उसका फल सब लोग लूट ले जाते हैं और आप वैसे के वैसे खाली रह जाते हो। सहस्त्र दल कमल स्थान से से राम,  ब्रह्म स्थान से से कृष्णा आए थे, तीनों लोकों की भी ताकत थी लेकिन गुरु के आगे आधीन थे। गुरु पारस, दीपक जैसा होता है। शब्द भेदी गुरु बनाना चाहिए जो भवसागर से पार कर दे।


49c0850a-90ff-40ff-a256-53965a176fda
91309f6e-e218-4a87-834d-490d7ba20e3a
ae21b846-08a1-4711-ab01-766c168962fa
a8eb6cdd-af08-4e49-a9d9-5703b9bda295
d7092dc8-dab7-4e6f-88d7-68911b0502b3


प्रदेशभर की हर बड़ी खबरों से अपडेट रहने नयाभारत के ग्रुप से जुड़िएं...
ग्रुप से जुड़ने नीचे क्लिक करें
Join us on Telegram for more.
Fast news at fingertips. Everytime, all the time.

खबरें और भी
22/Oct/2024

बस्तर जिले के दो धान संग्रहण केंद्र बिरिंग पाल और नियानार में अरबों रूपये का धान सड़ने के लिए छोड़ दिया गया हैं आखिर क्यों ? : सुशील मौर्य,शहर कॉंग्रेस अध्यक्ष

22/Oct/2024

CG - पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को किया गया याद...

22/Oct/2024

प्रेमियो ! कलयुग से सतयुग परिवर्तन की बेला है, लोगों को बचाने में अपने-अपने स्तर से जितना कर सकते हो, करो...

22/Oct/2024

CG - अवैध रूप से अंग्रेजी शराब बिक्री के दौरान बस्तर पुलिस की कार्यवाही, 9 लीटर 920 एम.एल. अवैध अंग्रेजी शराब बरामद...

22/Oct/2024

अर्धनारीश्वर स्वरुप का आज के युग में क्या महत्व है जानते है वास्तुविध डॉ सुमित्रा से...