CG – ग्रीन चुल बायो प्लांट कंपनी बिजली सड़क का प्रलोभन अस्थाई पट्टा प्राप्त किसानों की भूमि पर लगा रहा घास बेरोकटोक चल रहा निर्माण कार्य ग्रामीण परेशान पढ़े पूरी ख़बर
कोरबा//पंचायत से 6 एकड़ भूमि का एनओसी लेकर कृषि पट्टा प्राप्त कई किसानों की समाहित जमीन सहित लगभग 15 एकड़ बड़े झाड़ के जंगल पर अवैध कब्जा कर बेरोकटोक स्थापित किये जा रहे निजी ग्रीन चुल बायो प्लांट कंपनी द्वारा अब डुबान क्षेत्र के लिए अस्थाई पट्टा प्राप्त किसानों को बिजली, सड़क का प्रलोभन देकर उन्हें मिले जमीन पर बिना अनुमति घास लगाने का काम किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबित जबकि इसके लिए कंपनी ने किसी प्रकार की अनुमति नही ली है। लेकिन भोले- भाले किसानों को झांसे में लेकर और बेशकीमती शासकीय भूमि पर कब्जा कर करोड़ो के इस प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
ज्ञात हो कि पाली विकासखण्ड के शिवपुर अंतर्गत एवं सीमावर्ती बिलासपुर जिले की सीमा से लगे खसरा नंबर 541 की जमीन पर निजी ग्रीन चुल बायो प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने पंचायत से 6 एकड़ जमीन का एनओसी लिया गया लेकिन करीब 15 एकड़ जमीन पर कब्जा कर उक्त कंपनी का निर्माण किया जा रहा है। 541 खसरे की भूमि बड़े झाड़ के जंगल के रूप में चिन्हांकित है तथा स्थानीय कई किसानों को कृषि पट्टा भी प्राप्त है, जिस पट्टे की जमीन पर करोड़ो के कंपनी स्थापित करने क्षेत्र के भोले- भाले किसानों को झांसे में लिया गया है। 541 रकबा वाले जमीन पर एक ग्रामीण किसान मनहरण पिता मुनीराम को भी शासन से 3 एकड़ का कृषि पट्टा मिला था, उस जमीन को भी कंपनी ने अपने कब्जे में ले लिया है, जिसका गरीब किसान विरोध नही कर पा रहा है। बताया जा रहा है कि कंपनी को लाभ पहुँचाने की नीति से खसरा नंबर 541 में बड़ा हेरफेर करते हुए कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर शासकीय भूमि को निजी करार दिया गया है, जो गहन जांच का विषय है। ताजा मामले में डुबान क्षेत्र की भूमि का अस्थाई पट्टा प्राप्त कई किसानों को यह प्रलोभन दिया गया है कि उन्हें बिजली, सड़क का लाभ दिया जाएगा और उन किसानों को मिले अस्थाई पट्टे की भूमि पर घास लगाने का काम कंपनी करा रहा है। जिसकी अनुमति नही लेने की जानकारी मिली है। वहीं कंपनी ने ग्रामीणों के आने- जाने आम रास्ता पर भी कब्जा कर लिया है, जिसकी मौखिक शिकायत शिवपुर के किसानों ने नायब तहसीलदार पाली से एक सप्ताह पूर्व की थी, लेकिन इस मामले पर भी कोई संज्ञान नही लिया गया। ग्रीन चुल बायो प्लांट कंपनी के इस कूटरचित एवं हेरफेर मामले की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से करने की ठानी है। फिलहाल कंपनी के इस अवैध तौर- तरीकों को जिला प्रशासन को संज्ञान में लेने की महती आवश्यकता है।




