CG – दुर्गा माँ की भक्ति गीत से गुंजा अमलडीहा उदईबंद मांदर ढोलक से गाते बजाते दी गई जगत जननी कों विदाई सरपंच नें माँ की आराधना कों लेकर कही ये बात पढ़े पूरी ख़बर
मस्तूरी//बिलासपुर जिले के मस्तूरी जनपद के ग्राम पंचायत अमलडीहा व आश्रित ग्राम उदईबंद में आज माँ दुर्गा कों पुरे गाँव वालों नें पंडाल में अंतिम पूजन कर विदा किया इस अवसर पर सरपंच कांति किरण पटेल नें भी माँ दुर्गा से गाँव की सुख शांति और उन्नति के लिए प्रार्थना किया सरपंच पति किरण पटेल आगे बताते है कि
अनुष्ठान के बाद मूर्तियों को सम्मानपूर्वक जल में विलीन करना,जो दर्शाता है कि ईश्वर का कोई निश्चित रूप नहीं है और वे सर्वव्यापी हैं। यह कर्मकांड जीवन के चक्र का प्रतीक भी है, जिसमें व्यक्ति मिट्टी से जन्म लेकर अंततः मिट्टी में ही मिल जाता है। इसके अतिरिक्त,विसर्जन का अर्थ ‘जाने देना’ या ‘छोड़ना’ भी है, जिससे भक्त भगवान के साथ एकाकार होकर उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करते हैं।
विसर्जन के माध्यम से मां दुर्गा की विदाई की जाती है, जो उनकी वापसी कैलाश पर्वत पर उनके पति भगवान शिव के पास होने का प्रतीक है। यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है और हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता है
मां दुर्गा अपने मायके से वापस ससुराल कैलाश लौट रही हैं. उनके घर में सुख-समृद्धि बनी रहे. दुर्गा विसर्जन से ठीक पहले आरती और फूल अर्पित करते हैं.ये मां दुर्गा के प्रति कृतज्ञता और विदाई का प्रतीक है.