मध्यप्रदेश

सन्तमत के समरथ सन्तों के जीव इस नवरात्र के मुहूर्त में साधना करेंगे तो उनको भी मार्गदर्शन मिल जाएगा – बाबा उमाकान्त महाराज

सन्तमत के समरथ सन्तों के जीव इस नवरात्र के मुहूर्त में साधना करेंगे तो उनको भी मार्गदर्शन मिल जाएगा – बाबा उमाकान्त महाराज

22 सितम्बर को सुबह 7 बजे से नवरात्र साधना शुरू कर दी जाएगी

उज्जैन, (म. प्र.)। परम् पूज्य बाबा उमाकान्त महाराज ने 19 सितंबर 2025 को सतसंग में बताया कि नवरात्र साधना 22 सितंबर से सुबह 7 बजे से शुरू कर दी जाएगी। पहले प्रार्थना होगी और उसके बाद में लोगों को साधना के बारे में बताया जाएगा, समझाया जाएगा और फिर उसके बाद में बैठने के लिए आदेश दे दिया जाएगा कि अब सब लोग बैठ जाइए। तो पहले सुमिरन करना रहेगा, उसके बाद ध्यान करना रहेगा, फिर भजन करना रहेगा। जब तक जिसकी इच्छा होगी बैठेगा, जब तक जिसके पास समय रहेगा तब तक बैठेगा और फिर उठ जाएगा। फिर आएगा तो फिर सुमिरन, ध्यान, भजन, कर सकता है; जिसका मन जिस में भी लगेगा, वह उसमें मन लगा कर के करेगा, मन की गति को कम करने की कोशिश करेगा। जितना ज्यादा देर तक बैठेंगे, जितना ही ज्यादा मन को रोकेंगे, रोकने की कोशिश करेंगे उतनी ही जल्दी मन रुकेगा। और मन रुक जाएगा तो अंतर में दया मिल जाएगी।

सन्तमत के समरथ सन्तों के जीव भी इस मुहूर्त में साधना करो

जितने भी नामदानी हो; चाहे गुरु महाराज के हो, चाहे बाद में जिनको नामदान दिया गया है, सब लोगों को साधना करनी है (अपने-अपने घरों में ही)। जो समरथ सन्त थे इस धरती पर और उनको जो लोग मानते हो, उनके बताए रास्ते पर चलते हो; ऐसे सन्तमत के समरथ सन्तों के जो भी जीव आप हो, आप लोग भी इस मुहूर्त में साधना करो।

वही नाम; जो उन्होंने बताए – एक/दो/तीन/चार/पांच नाम, जो भी बताया है, उसी नाम से आप 8 से 10 घंटे तक, 12 घंटे तक बैठ कर के रोज साधना करो, आपको निर्देश मिल जाएगा, उनका संकेत मिल जाएगा; आप कर के देख लो। हमने उन सन्तों से भी हाथ जोड़कर प्रार्थना की है कि आप लोग अपने-अपने जीवों पर दया कर के उनको सद्बुद्धि दे दीजिए, उनके मार्गदर्शक बन जाइए, उनको रास्ता बता दीजिए कि कैसे उनका काम (मुक्ति-मोक्ष) बनेगा।

नवरात्र साधना का समापन 1 अक्टूबर को मुम्बई से होगा

1 अक्टूबर को नौ दिन पूरे हो जाएंगे और उसी समय समापन हो जाएगा। शुरुआत तो यहाँ (उज्जैन आश्रम से) से हो जाएगी और समापन मुंबई से होगा क्योंकि हमको मुंबई जाना है। वहाँ मुंबई में 1 और 2 अक्टूबर को दशहरा का कार्यक्रम होगा। तो यहां समापन करके वहाँ नहीं पहुंच सकते हैं। इसीलिए हम पहले जाएंगे वहाँ और वहीं से सब जगह के लिए समापन कर देंगे।

Related Articles

Back to top button