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जल हैँ तो कल हैँ भू जल का लगातार निचे जाना क्या है कारण कैसे करें बचाव क्यों हैँ भविष्य के लिए भारी खतरा आप भी जल सरक्षण के मुहीम का बनना चाहते हैँ हिस्सा तो बस करना होगा ये काम जानें पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व पिने योग्य जल की समस्या से जूझ रहा हैँ बारिश के दिनों में कैसे भी इंसानों जीव जंतुओ व जानवरों कों पानी मिल जाता हैँ किन्तु जैसे ही गर्मी शुरू होता हैँ भू जल का स्तर बहुत तेजी से निचे जाता हैँ और चारों ओर जल के लिए कोहराम मच जाता हैँ इसका एक और सबसे बड़ा कारण वृक्षों की अंधाधुंध कटाई भी हैँ जो क्षेत्र आज से कुछ साल पहले हरा भरा हुआ करता था आज वो बंजर हो चूका हैँ लोंग अब इसको भी बिजनेस से जोड़ दिए हैँ और महज चंद पैसे के लिए जंगलों कों पेड़ो कों काट काट बेंच रहें हैँ मगर आप चाहते हैँ की जल स्तर निचे न गिरे तो इसके संरक्षण के लिए आपको कुछ नहीं करना हैँ सिर्फ पेड़ो की कटाई जहाँ हो या जो कर रहें हो उनको समझायें वो ऐसा ना करें और आसपास लोगो कों खासकर बारिश के दिनों में वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करें।

भू जल स्तर नीचे गिरने के क्या कारण हैं…

जनसंख्या में वृद्धि, औद्योगिक विकास, कृषि गतिविधियाँ, अल्प वर्षा इत्यादि भौमजल स्तर नीचे गिरने के लिए उत्तरदायी कारक हैं,

जल स्तर में कमी के कारणों में वनों की कटाई और पानी का अत्यधिक दोहन शामिल है। इसके साथ ही अनियमित जलवायु, कृषि उपयोग में वृद्धि, बढ़ती जनसंख्या और जल प्रदूषण भी जल स्तर में कमी के कारण हैं।

भूजल स्तर को कैसे सुधारा जा सकता है…

भूजल का स्तर दो ही तरीकों से बढ़ाया जा सकता है। पहला वर्षा का जल संरक्षित कर और दूसरा परम्परागत जल स्रोतों का संरक्षण कर। वाटर हार्वेस्टिंग सहित जल संरक्षण के लिए सामुदायिक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। बिना जल के पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

घरेलू स्तर पर जल का उचित व संयमित उपयोग एवं उद्योगों में पानी के चक्रीय उपयोग जल संरक्षण में सहायक हो सकते हैं इस्तेमाल किये हुए पानी का फिर से शौचालयों अथवा बगीचों में फिर से इस्तेमाल और रिसाइकिलिंग करके
जल का सदुपयोग कैसे करना है, इस दिशा में जन-जागरूकता बढ़ायी जाए।

केंद्र की मोदी सरकार भी जल सरक्षण कों लेकर सजग हैँ और उन्होंने 2019 में इस तेज गिरावट को रोकने के लिए अपना ऐतिहासिक भूजल कार्यक्रम, अटल भूजल योजना शुरू की।

बदला बारिश का पैटर्न…

वर्षा का पैटर्न भी अब पहले से बदल चूका हैँ जिसके कारण भू जल रिचार्ज नहीं हो पा रहा पहले वर्षा धीमी रिमझिम रिमझिम कई दिनों या हफ्तों तक होती थी जिससे पानी बहता कम था और जमीन के अंदर ज्यादा जाता था मतलब भू जल रिचार्ज हो जाता था अब बारिश तेज होती हैँ और घंटो में ही बंद हो जाती हैँ जिसके कारण पूरा पानी बह जाता हैं जिससे भू जल रिचार्ज नहीं हो पा रहा।

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