यदि नशेबाजी का यही हाल रहा तो 50% नौजवानों की सारी शक्ति खत्म हो जाएगी – बाबा उमाकान्त महाराज

यदि नशेबाजी का यही हाल रहा तो 50% नौजवानों की सारी शक्ति खत्म हो जाएगी – बाबा उमाकान्त महाराज
चाहे गंगा जल जैसे जल में शराब बनाई गई हो, तो भी नहीं पीनी चाहिए
उज्जैन। बाबा उमाकान्त महाराज ने कहा कि जिस देश की बच्चियाँ, जिनको देवियाँ कहा जाता था अब वह शराब के नशे में इधर-उधर धुत हैं। तो अब इस देश का क्या होगा? जहाँ सती हुई, सावित्री हुई, अनसुईया हुई, पार्वती हुई, सीता हुई ऐसी ही देवियों की अंश, ये शराब पीने लग गई, व्यभिचार में फंस गई। जवान लड़के शराब के नशे में धुत हैं। यही हाल अगर रहा नशेबाजी का, नशे की गोलियां खाने का और पावर वाले लोग इस पर विचार नहीं करेंगे तो कुछ समय के बाद 50% नौजवानों की सारी शक्ति खत्म हो जाएगी, ये पागल हो जाएंगे, पागलों की तरह से घूमेंगे, और आने वाली पीढ़ी देश के विकास की जगह देश को विनाश के कगार पर ला कर खड़ा कर देगी। चाहे कोई जवान हो, चाहे अधिकारी-कर्मचारी हो, चाहे राजनेता हो, चाहे व्यापारी-मजदूर हो; कोई भी हो, तेज नशा जब कर लेगा तब वह कुछ कर पाएगा नशे में? कुछ नहीं कर सकता है।
एक गाँव के आदमी ने कहा हमारे गाँव में नौजवान बुड्ढे ही नहीं होते हैं
एक गाँव के आदमी ने कहा कि हमारे गाँव के नौजवान तो बुड्ढे होते ही नहीं हैं, हमें तो बड़ी चिंता है। तो किसी ने कहा “दादा कौनसा अन्न खिलाते हो, कौनसी बूटी खिलाते हो, कौनसी दवा ऐसी चल गई कि जवान ही रहे आदमी बुड्ढा ना हो।” बोले “भैया सब शराबी निकल गए, तो कोई कट के मर जा रहा है, कोई कुचल के मर जा रहा है, कोई शराब की बोतल से ही दूसरे शराबी का सर फोड़ कर मार दे रहा है, मर जा रहा है। तो यह गाँव तो उजड़ जाएगा, कोई रह ही नहीं जाएगा, यह तो सब चले जा रहे हैं, जवान खत्म होते चले जा रहे हैं।”
शराब के बारे में धार्मिक पुस्तकों में क्या लिखा है ?
मुसलमानों की किताबों में लिखा है कि एक कतरा भी शराब का अगर जिस्म पर पड़ जाए तो काट कर के फेंक देना चाहिए और जो ऐसा नहीं करता है वह शरीयत व इस्लाम से अलग हो जाता है। हिंदुओं के यहां लिखा है “गंगा जल कृत बारून जाना, तदपि न सन्त करहिं तेहि पाना” चाहे गंगा जल जैसे जल में शराब बनाई गई हो तो भी नहीं पीनी चाहिए। यह बहुत ही निकृष्ट चीज है, तो शराब मत पीना। ऐसे किसी नशे का सेवन मत करना कि जिससे बुद्धि पागल हो जाए, होश में ना रह जाओ।