छत्तीसगढ़

CG – बागबाहरा तहसील में पटवारी पर रिश्वत मांगने और धमकाने का आरोप कलेक्टर से शिकायत जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर

महासमुंद//जिले के ग्राम सिर्री पठारीमुड़ा (प.ह.नं.12) के कई ग्रामवासी ने तत्कालीन पटवारी रुपेश कुमार सिन्हा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर के जनदर्शन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि पटवारी व उसके साथ लाए गए अन्य व्यक्ति ने कब्जा,पट्टा दिलाने के नाम पर प्रत्येक व्यक्ति से 50 हजार रूपए की रिश्वत लेने के बावजूद, न तो कब्जा दिलाया गया और न पट्टा बनाया गया।

शिकायत में पीड़ित पुनऊ राम केंवट, जीवराखन गोंड, मंगलू गोंड़, भागीरथी कंवर इत्यादि ने दावा किया है कि उन्होंने पटवारी से पट्टा और कब्जा दिलाने के आश्वासन पर पैसा दिया था। बातचीत घर पर ही हुई और परिवार के कई सदस्य मौजूद थे। बाद में पटवारी ने न तो कब्जा करवाया और न ही पैसे लौटाए, बल्कि उन्हें बार-बार बहकाया गया और पेंच में घुमाया जा रहा है।

पीड़ितों ने यह भी बताया कि वहां पर रहने वाली श्रीमती विजय लक्ष्मी द्वारा बार-बार गाली-गलौच व धमकियां दी जा रही हैं तथा वे रायपुर से गुंडे बुलवाकर परिवार के लोगों को उठवाने की बात कह कर भय पैदा कर रही हैं। ऐसा कर के परिवार में भय और तनाव की स्थिति बनी हुई है।

आवेदकों का आरोप है कि बागबाहरा थाना में पहले आवेदन दिया गया था, किन्तु शिकायत लेने से इंकार कर दिया गया। इस कारण वे आवेदन डाक के माध्यम से भेजने पर विवश हुए। अब पीड़ित न्याय की आशा लेकर जिला कलेक्टर जनदर्शन पहुँचे हैं और एफआईआर दर्ज करवाने की मांग कर रहे हैं। शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि वे खेती-मजदूरी कर अपना भरण-पोषण कठिन परिश्रम से करते हैं और लिए गए इस धन के बिना उनका परिवार आर्थिक व मानसिक रूप से बेहद परेशान है। शिकायत में यह भी लिखा है कि अगर उनकी ओर से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना हुई तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आरोपियों पर होगी।

कलेक्टर जनदर्शन पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि संबंधित पटवारी रुपेश कुमार सिन्हा के खिलाफ त्वरित और निष्पक्ष जांच कर एफआईआर दर्ज की जाये तथा मांगे गये धन की वसूली और धमकियों, गाली-गलौच के संबंध में भी कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़ितों का कहना है कि हमने अपने स्वाभिमान और न्याय की खातिर यह कदम उठाया है। पटवारी द्वारा न तो कब्जा दिया गया और न ही पैसा लौटाया गया। अब हम अपने परिवार की सुरक्षा और न्याय चाहते हैं।

नोट: इस रिपोर्ट में वर्णित सभी बातें आवेदक द्वारा दी गई लिखित शिकायत पर आधारित हैं। आरोपों की सत्यता की पुष्टि के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच आवश्यक है।

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