छत्तीसगढ़

CG – बस्तर में जनता के 1.88 लाख प्राप्त आवेदनों का निराकरण हुआ ही नहीं,फिर कहां है सुशासन ? : सुशील मौर्य

बस्तर में जनता के 1.88 लाख प्राप्त आवेदनों का निराकरण हुआ ही नहीं,फिर कहां है सुशासन ? : सुशील मौर्य

सुशासन तिहार से कोई लाभ नहीं,सिर्फ और सिर्फ सांय सरकार का ढकोसला जनता को कर रही दिग्भ्रमित…

जगदलपुर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सुशासन तिहार सिर्फ ढकोसला है,जनता को इससे कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।बस्तर जिले में सुशासन तिहार 2025 के तहत 1.88 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिनका आज पर्यंत तक निराकरण नहीं हुआ है वहीं नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए जगदलपुर भारतीय जनता पार्टी की नगर निगम सरकार द्वारा जनसमस्या निवारण शिविर केंद्र शहर के समस्त वार्डो में खोला गया था, आज तक उन आवेदनों का कोई भी निराकरण नहीं हुआ आखिर इनका निराकरण कब होगा !..आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा..!!जब प्रथम और द्वितीय चरणों के आवेदनों का निराकरण नहीं हुआ है तो फिर सुशासन तिहार के तीसरे चरण में कैसे निवाकरण होगा..!ऐसे में कैसे सुशासन आएगा..!युवा, किसान,व्यापारी, महिलाएं,छात्र,युवा,हर वर्ग हताश और परेशान है उनकी परेशानी का समाधान यह सरकार नहीं कर पा रही है..बस्तर जिले में आए दिन बिजली बंद,बिजली कटौती से आम जनता परेशान है,कुल मिलाकर भाजपा की सांय सरकार सिर्फ जनता को दिग्भर्मित करने का कार्य कर रही है।

वही भाजपा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बढ़ते अपराध, यातायात समस्या, शिक्षक भर्ती और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखे हैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने सांसद के पत्र का ही निराकरण नहीं कर पा रहे हैं..तो आम जनता का निराकारण कहां से होगा..!!इसके पहले मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम में 75,000 से अधिक आवेदन आया था। जिसका आज तक निराकरण नहीं हुआ है। ऐसे में फिर कहां है सुशासन?ऐसे में सुशासन तिहार के तीसरे चरण का कोई मतलब नहीं है। प्रदेश की जनता भाजपा सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल से हताश और परेशान हो गई है। प्रत्येक वर्ग अपनी समस्याओं को लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं और जिम्मेदार तिहार मना रहे हैं।

मौर्य ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई है। अब तक 50 हजार करोड़ का कर्ज लिया जा चुका है।बिजली कटौती, पेयजल की समस्या, शिक्षकों की कमी,युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं,व्यापारी अनियमित जीएसटी से परेशान है।प्रदेश में मात्र 33 प्रतिशत स्टील उद्योग चल रहे हैं बांकी महंगी बिजली एवं प्रशासनिक अराजकता के चलते बंद हो गए है।अनियमित कर्मचारी, दिव्यांगजन वादाखिलाफी से त्रस्त है। नया 18 लाख प्रधानमंत्री आवास में से एक भी आवास स्वीकृत नहीं हो पाया है। 500 रू. में गैस सिलेंडर का वादा जुमला निकला।प्रधानमंत्री आवास को तोड़ा जा रहा है।अवैध शराब की बिक्री जोरों पर है,परिवहन विभाग की वसूली से ट्रांसपोर्टर वाहन चालक त्रस्त है। रोज नए नियम लागू करके जनता को परेशान किया जा रहा है। क्या यही सुशासन है ?

शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने आगे कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद सिर्फ भाजपा नेताओं के लिए सुशासन है कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार जोरों पर है। कोई ऐसा विभाग नहीं बचा है जहां भाजपा के बिचौलिया न हो। डेढ़ साल में सड़क का मरम्मत नहीं हो पाया, स्कूलों के बिल्डिंग ध्वस्त हो रही है, अस्पतालों में दवाइयां नहीं है, जांच मशीने खराब पड़ी है, आयुष्मान का भुगतान रोके जाने से निजी अस्पताल इलाज में बहानेबाजी करके मरीजों को लौटा रहे है। मरीज इलाज के लिए भटक रहे, महतारी वंदन योजना में नाम काटा जा रहा है, रेडी टू ईट को महिला स्वास्थ्य समूह को देने की घोषणा की गई थी लेकिन वह सिर्फ घोषणा ही साबित हुई है,भाजपा सरकार पूरी तरह असफल साबित हो गई है।

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