छत्तीसगढ़

CG – प्रस्तावित अरपा कोलवासरी के समर्थन में क्षेत्र की जनता रोजगार और विकास की उम्मीद बढ़ी 25 अगस्त को होगी जनसुनवाई पढ़े पूरी ख़बर

मस्तूरी-जयरामनगर क्षेत्र के ग्राम रलिया में प्रस्तावित अरपा कोलवासरी परियोजना को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है। ग्रामीणों ने इस परियोजना का स्वागत किया है और स्पष्ट कहा है कि कोलवासरी खुलने से युवाओं को रोजगार मिलेगा, क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा और स्थानीय व्यापारियों को भी बड़ा लाभ पहुंचेगा।

रोजगार की आस

वर्तमान समय में मस्तूरी और आसपास के क्षेत्र में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। पढ़े-लिखे युवा भी रोजगार के अभाव में परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अरपा कोलवासरी खुलने से स्थानीय स्तर पर ही युवाओं को रोजगार मिलेगा। इससे न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि पलायन की समस्या भी काफी हद तक कम होगी।

क्षेत्रीय विकास की उम्मीद

ग्रामीणों का कहना है कि कोलवासरी खुलने से शासन का राजस्व बढ़ेगा, जिससे क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी आएगी। स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे व्यवसाय जैसे परिवहन, खानपान, किराना, मकान किराये और अन्य सहायक व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। किसानों और मजदूरों को भी अप्रत्यक्ष रूप से इसका फायदा मिलेगा।

पर्यावरण और स्वास्थ्य का ध्यान

परियोजना संचालक मित्तल ने बताया कि कोलवासरी का संचालन शासन की गाइडलाइन और नियमों के अनुसार ही होगा। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण पहले ही किया जा चुका है। प्रदूषण नियंत्रण हेतु जगह-जगह स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे, जिससे धूल और प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। साथ ही, गांव और आसपास की सड़कों को दुरुस्त कर आवागमन को सुगम बनाया जाएगा। स्वास्थ्य पर असर न पड़े, इसके लिए भी अलग से निगरानी तंत्र तैयार किया जाएगा।

ग्रामीणों में उत्साह

ग्राम रलिया और आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने इस परियोजना के प्रति अपनी सहमति जताई है। उनका कहना है कि लंबे समय से वे रोजगार और विकास की राह देख रहे थे, और यह परियोजना उनके सपनों को साकार करने में मददगार साबित होगी। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि संचालन पूरी तरह से पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप किया जाता है, तो इस परियोजना से किसी को नुकसान नहीं होगा बल्कि हर वर्ग को फायदा मिलेगा।

जनसुनवाई की तैयारी

25 अगस्त को ग्राम खैरा (जयरामनगर) में इस परियोजना को लेकर जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। इसमें ग्रामीणों के साथ-साथ क्षेत्रीय प्रतिनिधि और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। ग्रामीणों का मानना है कि यह जनसुनवाई ऐतिहासिक साबित होगी क्योंकि यहां पहली बार किसी परियोजना को लेकर इतने बड़े स्तर पर आम सहमति देखने को मिल रही है।

निष्कर्ष

अरपा कोलवासरी परियोजना ने क्षेत्रीय जनता के बीच नई उम्मीदें जगा दी हैं। जहां एक ओर रोजगार और विकास को लेकर लोग आशावान हैं, वहीं पर्यावरणीय दृष्टिकोण से की गई तैयारियां भी संतोषजनक मानी जा रही हैं। अब सबकी निगाहें 25 अगस्त को होने वाली जनसुनवाई पर टिकी हैं, जहां इस परियोजना की दिशा और दशा तय होगी।

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