गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम में बाबा उमाकान्त महाराज ने दैहिक, दैविक, भौतिक कष्टों से छुटकारा मिलने का उपाय बताया…

गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम में बाबा उमाकान्त महाराज ने दैहिक, दैविक, भौतिक कष्टों से छुटकारा मिलने का उपाय बताया
फायदा तब मिलेगा जब विश्वास के साथ करोगे और भजन-ध्यान करते रहोगे
ठिकरिया, जयपुर। बाबा उमाकान्त महाराज ने 7 जुलाई, 2025 को सतसंग में कहा कि जिन भी लोगों के दुख-तकलीफ हैं, एक तो इसमें भजन करना जरूरी है। ध्यान-भजन अगर करोगे तो जो उपाय बताऊँगा उसमें ज्यादा फायदा होगा। दैहिक, दैविक, भौतिक, तापा; तीन ताप होते हैं। ताप मतलब होती है गर्मी। किसी भी तरह का कष्ट है, किसी भी तरह की तकलीफ है, चाहे खाने-पीने की बदपरहेजी से रोग हुआ हो और चाहे आपदा (जैसे भूचाल) से तकलीफ हो गई हो। और दैविक शक्तियां होती हैं, दैविक शक्तियां भी जब नाराज हो जाती हैं तो परेशान करती हैं। देह से तकलीफ, दैवीय शक्ति से तकलीफ, भौतिक तकलीफ होती है। कोई सताता है, मारता है, जबरदस्त आदमी है और परेशान करता है तो ये सब दैहिक, दैविक, भौतिक तकलीफ हैं। तो आप लोगों को किसी को भी तकलीफ हो तो आप कुछ तो जान पाते हो जैसे मालूम है कि यह चीज खाने में हमको नुकसान करेगी और मन नहीं मानता है, खा लेते हो तब आभास होता है कि यह गलत किया हमने। तो वह तो जान पाते हो लेकिन भौतिक तकलीफ कब आ जाए, इसका नहीं पता चलता है। और पता भी उसका चल जाता है लेकिन दैविक शक्ति का पता जल्दी नहीं चलता है आदमी को।
मंच के दाहिने तरफ जयगुरुदेव नाम के झंडे के पास अपनी तकलीफ को अंतर में बोलना और श्रद्धा प्रेम से मत्था टेकना रहेगा
गुरु पूर्णिमा मंच के दाई तरफ ‘जयगुरुदेव’ नाम का झंडा लगा है। तो वहां पर जाना जब जिसको समय मिले और अंतर में अपनी तकलीफ को बोलना, श्रद्धा प्रेम से मत्था टेकना वहां पर। और मत्था टेक करके बाहर निकल जाना। तो जिसकी जैसी श्रद्धा होगी, जिसका जैसा विश्वास होगा, जिसका जैसा कर्म होगा, उस हिसाब से उनको सबको फायदा मिलेगा। यह, 10 तारीख की सुबह कार्यक्रम तक, पूजन का प्रसाद बंटेगा तब तक फायदा होगा। इस उपाय से दैहिक, दैविक, भौतिक तापों से छुटकारा मिलेगा, फायदा होगा। तकलीफों में सबको फायदा होगा। दो आना, चार आना से लेकर सोलह आना तक फायदा होगा इससे लेकिन विश्वास के साथ जब करोगे तब और भजन-ध्यान करते रहोगे तब। चाल-चलन सही रखोगे, खानपान सही रखोगे, शाकाहारी रहोगे, नशामुक्त रहोगे, तो ज्यादा फायदा होगा। और अगर लगे रहोगे, भजन ध्यान सुमिरन में, गुरु के प्रति प्रेम बनाए रहोगे तो धीरे-धीरे यह कष्ट कट जाएंगे।