बिलासपुर बीजेपी मुख्यालय में मनाई गई वीरांगना अहिल्या बाई होल्कर की जयंती जानें उनकी जीवन से जुड़ी खास बातें पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर//छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बीजेपी मुख्यालय में आज अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती मनाई गई जहाँ पुरे जिले के बीजेपी कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहें बताते चलें की भारत देश अपनी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ अनेक ऐसे योद्धा, शासक और वीरांगनाओं ने जन्म लिया है जिनका नाम आज भी अमर है और हमेशा रहेगा। इनमें से अहिल्याबाई होल्कर का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। अहिल्या बाई होल्कर 18वीं शताब्दी की एक प्रेरणादायक महिला थीं जिनका पूरा जीवन आज के युवाओं और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
महारानी अहिल्याबाई एक विनम्र एवं उदार शासक जिनके अंदर जरूरमदों, गरीबों और असहाय व्यक्ति के लिए दया और परोपकार की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। अहिल्याबाई हमेशा अपनी प्रजा और गरीबों की भलाई के बारे में सोचती रहती थी। उन्होंने समाज में विधवा महिलाओं की स्थिति, महिलाओं की शिक्षा पर काम किया किया। अपने जीवन में तमाम परेशानियां झेलने के बाद जिस तरह अहिल्याबाई ने अपनी नारी शक्ति का इस्तेमाल किया था, वो काफी प्रशंसनीय है। आज भी और हमेशा अहिल्याबाई, महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहेंगी।
अहिल्याबाई होल्कर का जीवन परिचय
31 मई सन् 1725 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौड़ी नामक गांव में मंकोजी राव शिंदे के घर में एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम रखा गया अहिल्याबाई होल्कर। एक साधारण से किसान परिवार में जन्मीं अहिल्याबाई होल्कर छोटी उम्र से ही अपनी संस्कृति पर गर्व करती थी, साथ ही प्रजा में रह रहे लोगों के पीड़ाओं की अनुभूति भी करती थी। इतिहासकारों के अनुसार महज 10 वर्ष की आयु में ही अहिल्याबाई का विवाह होल्कर वंशीय राज्य के संस्थापक मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव के साथ हो गया।