CG – बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी का गतौरा निरीक्षण रंगे हाथ पकड़े गए प्राचार्य के साथ पूरा स्कूल स्टॉफ जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर//मस्तूरी क्षेत्र में सरकारी स्कूलों का हाल कितना ख़राब हैँ ये अब जग जाहिर हो चूका हैँ और इसका ताज़ा उदाहरण आज देखने मिला जब जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी शासकीय उत्तर माध्यमिक शाला गतौरा वि,ख,मस्तूरी का प्रातः 7:25 पर निरीक्षण करने पहुंचे जहाँ पर प्राचार्य सहित कोई भी कर्मचारी शिक्षक स्कूल में उपस्थित नहीं मिले ना एक भी बच्चे दिखे भृत्य भैना और सफाई कर्मचारी के श्रवण कुमार धीवर उपस्थित मिले और गाँव के खेल खुद वाले बच्चे स्कूल ग्राउंड पर पाए गए जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी कों समझ आ गया की गतौरा में सरकारी स्कूल का क्या दशा यहाँ के प्राचार्य नें बना कर रखा हैँ और वो अपने काम कों लेकर कितने सीरियस हैँ वही बच्चों का भविष्य कों लेकर ये कितनें सजग हैँ जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना देर किए प्राचार्य को स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है वही समस्त कर्मचारियों को स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है।
हमने नया भारत. लाइव नें लगातार मस्तूरी क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के बेहाली का ख़बर प्रमुखता से लगाया है कही बात समय से पहलें बंद होनें की रहती हैँ कही शिक्षक पहुंचते हीं नहीं हैँ कही कही लेट स्कूल खुलने की बात होती हैँ कही मध्यान भोजन में समस्या हमनें सभी खबरों कों प्रमुखता से लगाया हैँ आज जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी कों भी मस्तूरी सीपत क्षेत्र में शिक्षकों और प्राचार्य के लापरवाही का शानदार सबूत मिल चूका हैँ अब देखने योग्य बात होंगी उन पर क्या कड़ा एक्शन लिया जाता हैँ और अन्य कों क्या संदेश दिया जाता हैँ।
मालूम हो की अभी स्कूल खुले महज दो दिन हीं हुआ हैँ और अभी से प्राचार्य और शिक्षकों की लापरवाही देखने मिलने लगा हैँ यहाँ आश्चर्य होनें की जरुरत ज्यादा नहीं हैँ क्यों की शायद यहाँ ये सिलसिला लंबे समय से चल रहा होगा तभी तो शिक्षक इतने लापरवाह हो गए हैँ की इनकों ना बच्चों की चिंता हैँ ना अधिकारियो का डर उनको अंदाजा भी नहीं रहा होगा की जिला शिक्षा अधिकारी इतनी सुबह उठ कर उनके शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गतौरा निरीक्षण में पहुंच जाएंगे चलिए जो होता है अच्छे के लिए होता है अब इनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गलती को ये ना दोहराएं और इनके जैसे लापरवाह शिक्षकों प्राचार्य के लिए उदाहरण बन सके।