छत्तीसगढ़

CG – CMHO, फार्मासिस्ट सहित 5 पर FIR, ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर किया इतने लाख का घोटाला, जानिए पूरा मामला…..

सूरजपुर। वर्ष 2021 में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के नाम पर सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग द्वारा 81.85 लाख रुपए का घोटाला किया गया। इस घोटाले को प्लांट लगाने वाली कंपनी के प्रोपराइटर ने तब उजागर किया, जब उसे भुगतान नहीं मिला। उसे कह दिया गया कि उसकी कंपनी के नाम से भुगतान हो चुका है। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद मामले की शिकायत आईजी व सूरजपुर एसपी से की गई। जांच के बाद पुलिस ने सूरजपुर के पूर्व सीएमएचओ, अस्पताल में पदस्थ लिपिक, सहायक लेखापाल, फार्मासिस्ट के अलावा भुगतान प्राप्त करने वाली फर्जी कंपनी के प्रोपराइटर के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

दरअसल कोरोना काल के समय वर्ष 2021 में सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाने जैम ऑनलाइन पोर्टल पर टेंडर जारी किया गया था। टेंडर रायपुर निवासी जयंत चौधरी की ‘यूनिक इंडिया कंपनी’ को मिला था। उक्त कंपनी द्वारा तय समय में ऑक्सीजन प्लांट लगा दी गई। मशीन सप्लाई से लेकर काम पूरा होने के दस्तावेज भी विभाग को सौंप दिए गए। लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो विभाग द्वारा कहा गया कि आपकी कंपनी को भुगतान कर दिया गया है। अधिकारियों की यह बात सुनकर प्रोपराइटर जयंत चौधरी के होश उड़ गए।

इन 5 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज

बड़े घोटाले की शिकायत रायपुर स्थित यूनिक इंडिया कंपनी के प्रोपराइटर जयंत चौधरी ने सरगुजा आईजी व सूरजपुर एसएसपी से की। मामले की जांच के बाद पुलिस ने सूरजपुर के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह, पूर्व लिपिक जेम्स बेक, सहायक लेखापाल विजय सिन्हा, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 सकीरन दास व दंतेवाड़ा के यूनिक इंडिया कंपनी के प्रोपराइटर आशीष कुमार बोस के खिलाफ 419, 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर लिया।

जयंत चौधरी ने जब अपने स्तर से मामले की छानबीन की तो पता चला कि दंतेवाड़ा निवासी आशीष कुमार बोस द्वारा उसकी कंपनी के नाम से मिलती जुलती फर्म ‘यूनिक इंडिया कंपनी’ बनाई थी। उक्त नाम से ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया था। उसने बिल भी विभाग में जमा किए थे। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विभागीय अधिकारियों ने बिना जांच किए उक्त कंपनी को दो बार में 81.85 लाख रुपए भुगतान कर दिए। पहली बार 50 लाख तथा दूसरी बार 31.85 लाख रुपए एक्सिस बैंक के खाते में ट्रांसफर किए गए।

मिलते-जुलते नाम की फर्जी कंपनी को बड़ी राशि भुगतान करने में सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत थी। इसमें तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह, पूर्व लिपिक जेम्स बेक, सहायक लेखापाल विजय सिन्हा, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 सकीरन दास शामिल थे। इन्होंने ही कूटरचित दस्तावेज बनवाए और असली फर्म की जगह दंतेवाड़ा के आशीष कुमार बोस की कंपनी को भुगतान कर दिया।

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