छत्तीसगढ़

भ्रष्ट्राचार छुपाने कुटेशर नगोई पंचायत ने सूचना का अधिकार के तहत नही दी जानकारी, राज्य सूचना आयोग के आदेश को भी किया दरकिनार, जानकारी पाने भटक रहा आवेदक पढ़े पूरी ख़बर

कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा//भ्रष्ट्राचार पर लगाम लगाने व विकास कार्यों को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया है। लेकिन जिले के सरकारी विभाग और ग्राम पंचायत इस नियम को घोलकर पी गई है। यही कारण है कि नियम के तहत जानकारी मांगने पर भी जवाबदार जवाब देने में हेरफेर करते है या फिर जानकारी देने से ही इंकार कर दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत कुटेशर नगोई का सामने आया है। इसमें आवेदक ने सीसी रोड निर्माण से संबंधित जानकारी मांगी तो उसे नही दी गई। जनपद पंचायत कार्यालय में अपील करने पर भी नतीजा सिफर रहा, जिसके बाद राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए है। फिर भी आवेदक जानकारी पाने भटक रहा है। ऐसे में साफ है कि यदि नियमो की जानकारी आमजन को नही है तो उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार अथवा कार्यालय के चक्कर कटवाए जाते है।

पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के ग्राम पंचायत कुटेशर नगोई से आरटीआई कार्यकर्ता विजय दुबे ने सूचना का अधिकार के तहत गत 11 जुलाई 2023 को सत्र 2018- 19 में समग्र विकास योजना के तहत सरोज घर से लेकर नदी तक सीसी रोड निर्माण कार्य का ग्रामसभा प्रस्ताव, आबंटित राशि, बिल बाउचर व उक्त कार्य के भुगतान संबंधी समस्त जानकारियों की प्रमाणित छायाप्रति का मांग किया था। पंचायत द्वारा तय सीमा में जानकारी उपलब्ध नही कराने पर आवेदक ने प्रथम अपील जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा में 14 अगस्त 2023 को किया था। इस पर जनसूचना अधिकारी एवं सचिव को दो बार नोटिस देकर क्रमश- 08 व 20 सितंबर 2023 को जनपद कार्यालय में उपस्थित हो जानकारी देने के निर्देश भी दिए गए। जहां आवेदक तय तिथि पर उपस्थित हुआ लेकिन सचिव अनुपस्थित रहा। फिर 25 सितंबर 2023 को पुनः नोटिस जारी कर सचिव को जानकारी उपलब्ध कराने अंतिम अवसर दिया गया, किन्तु सचिव ने अपीलीय अधिकारी एवं जनपद सीईओ के इस निर्देश का भी अवमानना किया। इस पर द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग को की गई। जहां से 26 दिसम्बर 2024 को एक आदेश के माध्यम से जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा को आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए है। बावजूद इसके उस आदेश को भी दरकिनार कर दिया गया है तथा आवेदक जानकारी चाहने ग्राम पंचायत से लेकर जनपद कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता विजय दुबे का कहना है कि पंचायत में भ्रष्ट्राचार की संभावनाओं के तहत जानकारी मांगी गई, परन्तु भ्रष्ट्राचार छुपाने की नीयत से उसे चाही गई जानकारी पंचायत द्वारा उपलब्ध नही कराया गया। यह आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी प्रदान करने के लिए जिम्मेदारी का उलंघन है। ऐसे में पंचायत द्वारा जानकारी नही दिया जाना भ्रष्ट्राचार को छुपाने के स्पष्ट प्रयास है और इससे नागरिकों को सरकार के कामकाज के बारे में जानने से वंचित किया जा रहा है।

तत्कालीन सरपंच पति ने सचिव के साथ मिलकर गत पंचवर्षीय में किया अनेको भ्रष्ट्राचार

कुटेशर नगोई पंचायत में गत पंचवर्षीय श्रीमती अनिता ओड़े सरपंच निर्वाचित रही, जहां पांच साल इनके पति नंदकिशोर ओड़े का पंचायत में दखल रहा और सचिव के साथ मिलकर बुनियादी विकास के लिए जारी राशि का जमकर दोहन किया गया। जिसमे इस पंचायत के गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर रिचार्ज बाउचर तिथि 30 सितंबर 2020 को 75,000 एवं 30 जनवरी 2022 की तिथि में 49,000 हजार की राशि 14वें वित्त से निकाली गई लेकिन गांव के गिने चुने खम्भों में दर्जन भर के स्ट्रीट लाइट लगाकर बांकी राशि का दुरुपयोग किया गया। उप स्वास्थ्य केंद्र मरम्मत के नाम पर रिचार्ज बाउचर तिथि 20 अक्टूबर 2021 को 40,000 और 09 जनवरी 2022 को 60,000 की राशि 15वें वित्त से आहरण किया गया पर किसी प्रकार का मरम्मत कार्य नही कराया गया। कुटेशर नगोई से अमलडीहा पहुँचमार्ग मुरुमीकरण के लिए रिचार्ज बाउचर तिथि 22 नवंबर 2022 को 88,000 व 06 जनवरी 2023 को 1,31,978 लाख रुपए 15वें वित्त से आहरित की गई किन्तु काम एक ढेला का भी नही हुआ। सचिव आवास मरम्मत एवं रंगाई पोताई हेतु रिचार्ज बाउचर तिथि 05 जनवरी 2023 की तिथि में 30,000 रुपए भी 15वें वित्त से निकाली गई लेकिन यहां भी बिना काम राशि का वारा- न्यारा किया गया। इस ग्राम के ग्रामीणों की माने तो निम्न में कोई भी काम मौके पे नही हुआ है। इसके अलावा गत पंचवर्षीय में पेयजल व्यवस्था, पाइप लाइन विस्तार, पचरी निर्माण के नाम पर भी पंचायत मद की राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया है। वहीं 2025- 26 में सम्पन्न पंचायत आम चुनाव में तत्कालीन सरपंच पति नंदकिशोर ओड़े सरपंच निर्वाचित हुए है। ऐसे में भ्रष्ट्र हाथों पंचायत का विकास संभव नही है। ग्रामीणों ने बीते पांच साल में विकास कार्यों के नाम पर आहरण राशि के जांच की अपेक्षित मांग की है।

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