NBL, 30/09/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Very soon the people of the world are going to burn in the fire of war. We should stay united, we should walk together, with this thought people from all over the world will come to India and learn the lesson of peace from the Sanatani Dharma of India. पढ़े विस्तार से...सदियों पहले भारत के लोगों ने अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया और उसे प्राप्त किया और आज भारत शांतिपूर्वक प्रगति कर रहा है जबकि अन्य देशों के लोग बेचैन हैं और युद्ध लड़ रहे हैं और क्रोध की आग में जल रहे हैं क्योंकि भारत की शांतिप्रिय सनातनी धर्म संस्कृति, सनातनी हिंदुओं को अन्य देशों द्वारा बुरी नजर से देखा गया और भारत की सनातनी धर्म संस्कृति को चोट पहुंचाई गई और नष्ट कर दिया गया, जिसका दुष्परिणाम आज इन विदेशी धरती के लोगों को युद्ध के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
सत्य रूपी भारत आज अपनी जगह पर शांतिपूर्वक खड़ा है और जो देश भारत से अलग हुए या भारत को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचा, वे धीरे-धीरे गंभीर संकटों में फंसते जा रहे हैं। अब दुनिया के देश भारत की शांति की इस सीख को समझेंगे कि लड़ाई से दूर रहना ही बेहतर है, जबकि भारत लौह पुरुषों की भूमि है, इतिहास इस बात का गवाह है, लेकिन आज तक भारत ने दुनिया के किसी भी देश के साथ पहले अपने आप से युद्ध नहीं किया और जिस देश ने भारत पर हमला किया वह आज इतिहास बन गया है और आज उनके वंशज युद्ध की आग में जल रहे हैं और मर रहे हैं और भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर हो रहे हैं। क्योंकि युद्ध कोई समाधान नहीं है। सनातनी धर्म की शांति की सीख ही समाधान है।
आज भारत में राजनीतिक मतभेदों के कारण देश के अन्य राजनीतिक नेता भाजपा के पीएम नरेंद्र मोदी की देशहित में विदेश शांति नीति को मान्यता नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन विश्व के लोग इस पीएम नरेंद्र मोदी के शांति पाठ को समझेंगे। वास्तव में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी कहते थे कि युद्ध कोई समाधान नहीं है और अब विश्व के लोगों को उनकी बातें सत्य लग रही हैं। आज विश्व के देशों पर शासन कर रहे आतंकवादी संगठन या आक्रामक शक्तिशाली शासक अपनी अपार संपत्ति और अपने अत्याधुनिक हथियारों के अहंकार में एक-दूसरे के देशों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और वहां के निर्दोष लोगों के शांतिपूर्ण जीवन में बाधा डालकर उन्हें बेघर कर रहे हैं। जबकि एक-दूसरे के देश को नुकसान पहुंचाकर उनकी खुद की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाएगी। इस भीषण युद्ध के गोले-बारूद से वहां का वातावरण अशुद्ध हो जाएगा, जिससे अनेक बीमारियां फैलेंगी और वहां के लोगों का जीवन दयनीय हो जाएगा।
इसलिए युद्ध की रणनीति बहुत सोच समझकर बनानी चाहिए और इन नीतियों को शांत करने के लिए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी शांति की ओर ले जाने का प्रयास करते हैं, ताकि वहां के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त न हो और इस युद्ध के कारण विश्व के देशों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके, लेकिन आज युद्ध के कारण दुनिया के अन्य देशों में महंगाई दर बढ़ रही है, जबकि आम जनता अपनी सरकार को दोषी ठहराती है, क्योंकि उनका इन विदेशी युद्धों से कोई लेना देना नहीं है और सरकार और विपक्षी दलों के नेता भी जानते हैं कि विदेशों में चल रहे युद्ध से भारत को क्या नुकसान हो रहा है, फिर भी वे महंगाई पर राजनीति करते हैं। वे देश के लोगों को गुमराह करते हैं और अशांति का माहौल बनाते हैं, जो एक तरह से युद्ध से कम नहीं है।
अब मुस्लिम देश अबू धाबी ने शांति के प्रतीक सनातनी हिंदू धर्म संस्कृति को अपनी धरती पर जगह देकर मिसाल कायम करने का बड़ा प्रयास किया है। मुस्लिम देश अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 2015 में सनातनी संस्कृति के मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ जमीन दान में दी थी। आज वहां भव्य मंदिर बन चुका है और बड़ी संख्या में पर्यटक वहां आ रहे हैं और वहां के लोगों को आर्थिक लाभ हो रहा है। इसे कहते हैं दूरदर्शी शासक जिन्होंने अपने लोगों के आर्थिक विकास के लिए अपने मुस्लिम देश में सनातनी हिंदू धर्म मंदिर को जगह दी और इसे सनातनी हिंदुओं का प्यार मिल रहा है। यह सभी धर्मों की एकता का प्रतीक है। अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने जो किया वह कई मुस्लिम देशों के विरोध के बावजूद सनातन धर्म को स्थान देकर अपने मुस्लिम देश के लिए एक शांति समझौता है। और सनातनी धर्म से वही मतभेद आज भी अन्य मुस्लिम देशों में मौजूद हैं और कई सनातनी हिंदू मंदिरों को अति अतिताायी कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया है और अभी भी क्षतिग्रस्त किया जा रहा है, यह उनके विनाश का मुख्य कारण बन रहा है, क्योंकि उन्हें सनातन धर्म के देवी-देवताओं का श्राप मिल रहा है, वे आज युद्ध के आग में जल रहे हैं और कई मुस्लिम देशों के लोग आपस में लड़-लड़ कर मरेंगे और बिना आश्रय, भोजन और पानी के मरेंगे और ऐसा उनके आतंकवादी नेताओं की धार्मिक कट्टरता के कारण हो रहा है। आने वाले समय में कई मुस्लिम देश सनातन धर्म के साथ शांति समझौता करेंगे, जब दुनिया में आतंकवादी संगठन पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे, तब उन्हें शांति की आवश्यकता होगी।
बहुत से मुस्लिम देश अपने शांतिप्रिय शासकों के अधीन नहीं हैं, बल्कि वहां के शासक आतंकवादी संगठन हैं जो विनाश के बारे में सोचते हैं। जहां भी आतंकवादी संगठन अपना आधार बढ़ा रहे हैं और लोगों पर अपना शासन स्थापित कर रहे हैं और उन पर हावी होकर शासन कर रहे हैं, उस देश का विनाश निश्चित है, क्योंकि इन अहंकारी आतंकवादी संगठनों का एक ही दिमाग है, दूसरों को नुकसान पहुंचाना और आज ताजा तरीन उदाहरण यहूदि देश इजराईल से सटे गाजा के मुस्लिम आतंकवादी संगठन हमास ने यहूदी इजरायल देश के लोगों को नुकसान पहुंचाया है और गाजा फिलिस्तीन के आम मुसलमानों को परेशानी में डाल दिया है और आज वे बेघर हो गए हैं और भोजन और पानी के लिए तरस रहे हैं।
क्या यह इन आतंकवादियों की प्रगति है जो अपने ही लोगों को नष्ट करवा रहे हैं? जब इस आतंकवादी संगठन हमास के पास युद्ध के संसाधनों की कमी थी, तो यह शक्तिशाली यहूदी देश इजरायल से क्यों उलझा, आज आतंकवादी संगठन हमास द्वारा बनाई गई लंबी सुरंगें भी काम नहीं आईं और इजरायली सेना उन्हें भी नष्ट कर रही है। अब लेबनान में युद्ध चल रहा है और आतंकवादी संगठन हिज्बुल का प्रमुख नसरुल्लाह मारा गया है। अब ईरान द्वारा युद्ध करने का प्रयास किये जाने की खबरें आ रही हैं, जबकि यहूदी देश इजराइल मुस्लिम देशों से घिरा हुआ है, इजराइल के पास ताकत है, इसीलिए वह अकेले ही मुस्लिम आतंकवादी संगठन पर काबू पा रहा है, क्योंकि यहूदी देश इजराइल में आतंकवादी संगठन मुखिया बनकर सरकार नहीं चला रहे हैं, वे सच्चे देशभक्त इजराइली नेता हैं जिन्हें वहां की जनता ने चुना है, यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
सनातन धर्म से अलग होकर एक नए धर्म की स्थापना हुई। उस नए धर्म का बहुत तेजी से विस्तार हुआ और सनातन धर्म कम होता गया तथा नए धर्मों के अनुयायी बढ़ते गए। उनमें से एक है मुस्लिम धर्म जिसने बहुत तेजी से अपने मुस्लिम धर्म का कई देशों में विस्तार किया और अब वही मुस्लिम देश भयंकर समस्याओं में फंसते जा रहे हैं। वहां के लोग अच्छी जिंदगी जी रहे थे, वे उसे त्याग कर आग के प्रकोप से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों की तलाश कर रहे हैं और वहां जा भी रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें शांति नहीं मिल रही है। शांति से रहने वाले वे लोग अपने बुजुर्गों की ज्यादतियों की सजा भुगत रहे हैं। भारतीय सनातन धर्म की भाषा में इसे पाप का ताप कहते हैं। आप जो पाप का बीज बोएंगे, उसका फल आपको अवश्य मिलेगा और आज उनके बच्चे इसे पा रहे हैं।
एक उनकी अच्छी जिंदगी उनके लिए युद्ध के रूप में नर्क बन गई है। यह एक आतंकवादी प्रकार के लोगों को बढ़ावा देने का परिणाम है। आप अपने लोगों के सुख-सुविधाओं का विस्तार करने के बजाय उनके विनाश का विस्तार कर रहे हैं और उन्हें आग में झोंक रहे हैं। यह सब आप स्वार्थी आतंकी सोच के कारण युद्ध के रूप में आपका अहंकार का परिणाम है। धीरे-धीरे कई मुस्लिम देश युद्ध के कारण आर्थिक रूप से कमजोर और अशांत हो जाएंगे और सनातनी धर्म का फिर से विस्तार होगा और लोग अपने मूल धर्म में वापस लौट आएंगे और शांतिपूर्ण जीवन का आनंद लेंगे। यह बात भारतीय मुसलमानों को बहुत अजीब लग सकती है, लेकिन सोचें और समझें कि क्या आप शांति से रहने की कला जानते हैं, अपने धर्मगुरुओं के धार्मिक भाषणों को ध्यान से सुनें और कई मुस्लिम देश जो अपनी आक्रामक लहजे में भाषण देते थे, आज युद्ध की आग में जल रहे हैं और वहां के लोग खुदा से अच्छी जिंदगी जीने की प्रार्थना कर रहे हैं, या खुदा हमें इस नारकीय जीवन से बचाए, और यह सब मुस्लिम धर्मगुरुओं और धार्मिक नेताओ के आक्रामक भाषणों के कारण हो रहा है। अब मुस्लिम धर्म आवाम शांति से विस्तार नही विनाश की ओर आगे बढ़ रहा है।
हम एकजुट रहें, साथ चलें, इसी सोच के साथ दुनिया भर से लोग भारत आएंगे और भारत के सनातनी हिंदुओं की शांति और एकता को देखकर शांति का पाठ सीखेंगे, क्योंकि बहुत जल्द दुनिया के लोग युद्ध की आग में जलने वाले हैं। और युद्ध इसका समाधान नहीं है, सनातनी धर्म से शांति का पाठ सीखना ही इसका समाधान है।