कई युग बीत गए जीवात्मा प्रभु तक नहीं पहुंच पाई, इसको वहां तक पहुंचाने के लिए साधना शिविर लगानी पड़ी – बाबा उमाकान्त महाराज

कई युग बीत गए जीवात्मा प्रभु तक नहीं पहुंच पाई, इसको वहां तक पहुंचाने के लिए साधना शिविर लगानी पड़ी – बाबा उमाकान्त महाराज
साधना शिविर में बहुत लोगों को ऊपरी लोकों के, देवी-देवताओं के दर्शन का एवं ऊपर की खुशबू का स्वाद मिल गया
उज्जैन। बाबा उमाकान्त महाराज ने 11 जून, 2025 को सतसंग में कहा कि सावन बनने के लिए, इस जीवात्मा को उस प्रभु तक पहुंचाने के लिए कुछ करना पड़ेगा क्योंकि बहुत दिन हो गया और अभी तक ये वहां नहीं पहुंच पाई। कई जन्म लेने पड़े, कई युग बीत गए, तो उसके लिए साधना शिविर लगानी पड़ी। यह जो साधना शिविर लगाई गई है पीछे, उसमें बहुत लोगों को लाभ मिला है। अब उनको ऊपरी लोकों का, देवी-देवताओं के दर्शन का, ऊपर की खुशबू का स्वाद मिल गया। वे लोग तो साधना में लगेंगे ही, लेकिन अब उन लोगों को चाहिए और लोगों को लगाना जिन्हें साधना शिविर में कुछ शांति ही मिली है।
गुरु पूर्णिमा तक 24 घंटे तथा पांच-पांच दिन की साधना शिविर चलेंगी
जहां-जहां साधना शिविर नहीं लग पाई है, वहां पर 24 घंटे की साधना शिविर लगवा दें। अब यह 24 घंटे का अभियान चलाना है, लेकिन जहां पर सतसंगी ज्यादा हो गए और जहां पर लोगों को स्वाद अंदर का मिल गया है, उन्होंने वह भोजन की थाल देख ली कि जिसमें खुशबू ही खुशबू है और उसको उन्होंने ग्रहण कर लिया। तो वे तो उसी को खाने के लिए, अमृत को ही पीने के लिए लालायित रहेंगे। इसलिए ऐसी जगहों पर पांच-पांच दिन की भी लगवा दो, जिससे उनके भी अभ्यास में बढ़ोतरी हो जाए, वे भी उस अमृत का पान करने लग जाएं, पीने लग जाए। उस पवित्र भोजन को खाने के लिए, जिसको साधक अगर एक बार भी खा ले तो तृप्त हो जाता है, वह जो मस्तानी आवाज हो रही है उसको सुनने के लिए आप उनकी मदद कर दो। तो शिविर 24 घंटे का चलेगा और पांच-पांच दिन का भी चलेगा।
गुरु पूर्णिमा तक कम से कम चार 24 घंटे की साधना शिविर लग जाएं, पांच भी लग सकती हैं
गुरु पूर्णिमा तक कम से कम चार 24 घंटे की साधना शिविर लग जाएं, पांच भी लग सकती हैं। अब मुहूर्त से लगाना है कि जिस से गुरु महाराज की दया मिल जाए। तो आप 24 घंटे का साधना शिविर 14-15 तारीख को और 21-22 को लगा दो। और उसके तुरंत बाद त्रयोदशी पड़ रही है 23-24 को, उसमें भी 24 घंटे का लगा दो। 21 को जल्दी शुरू कर दो और 22 को जल्दी खत्म हो जाएगा। फिर 23 को आप चाहो देर से शुरू करो (त्रयोदशी को) और 24 को खत्म कर दो। उसके बाद 28-29 को एक और लग जाएगा और पांचवा जहां गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम होगा वहां लग जाएगा।