मस्तूरी के हिन्द एनर्जी कालिंदी इस्पात और राशि स्टील में जमकर हो रहा भू जल का दोहन ग्रामीण बून्द बून्द कों हो रहें मोहताज जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर
एक तरफ पुरे बिलासपुर जिले में गर्मी आते ही पानी की भीषण समस्या से लोंग परेशान हो जाते हैँ लोंग गाँव से लेकर शहर तक पानी के लिए जद्दोजहद करते दिखाई देते हैँ लोगो के पास पिने तक की पानी नहीं होती नहाना तो दूर की बात हैँ वही दूसरी तरफ मस्तूरी क्षेत्र में पाराघाट गतौरा बेलपान खपरी में लगे उद्योग जम कर भू जल का दोहन कर रहें हैँ ये कागजों में सरकार कों नदी से पानी ला कर प्लांट चलाने की बात बताते जरूर हैँ पर सिर्फ कागजों में कभी चेक हो जाए तो इनका पूरा कच्चा चिठ्ठा खुल जाएगा इन प्लांटो में दर्जनों बोर वेल से भू जल का उपयोग कर पानी बर्बाद किया जा रहा हैँ पर इस पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं देते जिसके कारण गर्मी आते ही ग्रामीणों कों भारी पानी की समस्या से जूझना पड़ता हैँ।
कालिंदी इस्पात हिन्द एनर्जी और राशि पावर एंड स्टील बेलपान खपरी गतौरा और पाराघाट में चल रहा उद्योग जहाँ दर्जनों बोर वेल से हो रहा पानी का दुरूपयोग…
मस्तूरी के गतौरा से लेकर पाराघाट और बेलपान खपरी (कोकड़ी) में उद्योग जहाँ धूल डस्ट जमकर होती हैँ जिसको रोकने के लिए प्लांट कों पानी कहाँ से मिलता हैँ किसी नदी से या किसी नाले से नहीं यहाँ भू जल का जमकर दोहन किया जा रहा हैँ क्यों की यहाँ से गुजरने वाली नदी तो गर्मी आते ही सुख जाती हैँ फिर इन उद्योगो में पानी कहाँ से आएगा यहाँ इतना धूल डस्ट कों कैसे रोक पाएंगे प्रबंधक मतलब इनकों हर हाल में भू जल का उपयोग करना पड़ता हैँ आपको बताते चलें की गुप्त सूत्र बताते हैँ की यहाँ तीनो जगह वासरी कई बोर वेल हैँ और इन्ही के सहायता से यहाँ धड़ल्ले से प्लांट चलाया जा रहा हैँ भले ही आसपास के दर्जनों गाँव के ग्रामीणों कों पिने के पानी के लिए तड़पना पड़े पर प्लांट में जमकर भू जल का दोहन किया जा रहा हैँ यहाँ सरकारी अधिकारीयों कों दिखाने के लिए कुछ ही बोर वेल में मीटर लगा कर दिखाया जाता हैँ इनके प्लांट से उड़ने वाले धूल डस्ट के वजह से आसपास के ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया हैँ। यही नहीं रोज सैकड़ो भारी वाहन आने जाने के वजह से आसपास रोड के परखच्चे उड़ चुके चुके हैँ आए दिन जो दुर्घटना होती हैँ वो अलग पर्यावरण कों भारी नुकसान हो रहा वो अलग ऊपर से मजदूरों के लिए यहाँ सेफ्टी ऑफिसर भी नहीं रखें गए हैँ जिसके वजह से कई बड़ी छोटी घटना होती रहती हैँ इन तीनो जगह भारी लापरवाही बरतते हुए प्लांट का संचालन किया जा रहा हैँ पर ताज्जुब तो तब होता हैँ जब इतना सब कुछ होनें के बाद भी यहाँ इनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कड़ी कार्यवाही नहीं होती