भीलवाड़ा। विधायक अशोक कुमार कोठारी ने विधानसभा में आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि राजस्थान के शहरी निकायों में चेयरमैन और मेयर का चुनाव सीधे जनता के माध्यम से कराया जाए। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र के सिद्धांतों के अनुकूल होगी और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद करेगी। विधायक कोठारी ने विशेष उल्लेख प्रस्ताव – 295 के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष के मार्फत राज्य सरकार से निकायों में मेयर – चेयरपर्सन के सीधे चुनाव कराने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि देश के अधिकांश राज्यों में चेयरपर्सन और मेयर का चुनाव सीधे जनता के वोटों से होता है। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है, जनता की भावना का सम्मान होता है और एक स्वच्छ छवि का नेता चुना जाता है। इसके विपरीत राजस्थान में यह चुनाव पार्षदों द्वारा होता है, जिसे कोठारी ने लोकतांत्रिक पद्धति के अनुकूल नहीं बताया है। उनका तर्क है कि इस अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली में कई बार धनबल और बाहुबल का दुरुपयोग होता है, जिससे निजी हितों को प्राथमिकता देने वाले लोग इन पदों पर आसीन हो जाते हैं। कोठारी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है और जनता खुद को ठगा हुआ महसूस करती है। कोठारी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब पार्षदों के माध्यम से मेयर या चेयरपर्सन का चुनाव होता है, तो चयनित व्यक्ति अक्सर अपने चुनाव में खर्च किए गए धन की वसूली के दुष्चक्र में फंस जाता है। इससे स्थानीय निकाय लूट-खसोट का केंद्र बन जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र का असली सार यह है कि सरकार जनता की हो, जनता के लिए काम करे और जनता द्वारा चुनी जाए। कोठारी का मानना है कि सीधे मतदान से चुने गए चेयरमैन और मेयर जनता के प्रति अधिक जवाबदेह होंगे। कोठारी ने विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से सरकार से आग्रह किया है कि वह अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी शहरी निकायों के प्रमुखों का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान द्वारा कराने की व्यवस्था करे।