रायपुर। आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 5 दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे। भागवत 27 दिसंबर शुक्रवार को रायपुर पहुंचेंगे। इस दौरान वे टोली बैठक और सांय- प्रातः शाखा में शामिल होंगे। इसके बाद डॉ. मोहन भागवत 1 जनवरी को दोपहर रायपुर से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
पांच दिनी प्रवास के दौरान संघ सुप्रीमों डॉ. भागवत संघ के प्रांतीय व राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग लेंगे। इस दौरान संघ के सांगठनिक गतिविधियों को लेकर क्लास भी लेंगे। प्रवास के मद्देनजर प्रांतीय और राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच होने वाली बैठकों का एजेंडा भी तय किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार डा भागवत अलग-अलग सत्रों में उन पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे जिनको बैठक की सूचना दी जाएगी और जो डा भागवत की बैठक में अपेक्षित रहेंगे। मसलन जागृति मंडल से राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारियों को सीधे तौर सूचना भेजी जाएगी, जिनको बैठक की सूचना मिलेगी वे अपनी पूरी तैयारी के साथ आएंगे और अपना प्रेजेनटेंशन देंगे। बैठक के दौरान पूरा फोकस संगठनात्मक गतिविधियां और संघ की शाखाओं का संचालन रहेगा।
शताब्दी वर्ष मना रहा है आरएसएस
आरएसएस की स्थापना पूर्व सरसंघचालक डा केशवबलीराम हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में की थी। लिहाजा संघ वर्तमान में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। शताब्दी वर्ष में संघ प्रमुख डा भागवत देशव्यापी प्रवास पर हैं। देश के अलग-अलग प्रांतों में उनका प्रवास हो रहा है। इस दौरान उनका पूरा फोकस संघ की शाखाओं के अलावा संघ के अनुषांगिक संगठनों और प्रकल्पों द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों पर रहता है। हर एक संगठन व प्रकल्पों के कामकाज को लेकर वे समीक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा शताब्दी वर्ष में चलाए जाने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी वे चर्चा करेंगे। स्वयंसेवकों के अलावा पदाधिकारियों से सीधे संवाद स्थापित करेंगे।
विभिन्न सत्र में लेंगे बैठक
सरसंघचालक डॉ. भागवत अपने प्रवास के दौरान विषय आधारित विभिन्न बैठकों में संगठनात्मक कार्यों की चर्चा करेंगे। सरसंघचालक की इन बैठकों में कार्य विस्तार के साथ कार्यकर्ताओं व स्वयंसेवकों के गुणात्मक विकास पर विशेष रूप से चर्चा होगी। संघ ने शताब्दी वर्ष में प्रत्येक गांव व शहरी क्षेत्र तक शाखा के माध्यम से पहुंचने का लक्ष्य रखा है। सरसंघचालक का प्रवास छत्तीसगढ़ में संघ कार्य को सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
संघ प्रमुख की इन बैठकों में कार्य विस्तार के साथ कार्यकर्ताओं व स्वयंसेवकों के गुणात्मक विकास पर भी जोर रहेगा। प्रमुख एजेंडें में पंच परिवर्तन स्व का बोध, सामाजिक समरसता कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल विकास व नागरिक कर्तव्य पर चर्चा करेंगे।