छत्तीसगढ़

कीचड़ से लतफत और गड्ढे भरी सड़क ग्रामीणों के लिए बना मुसीबत।

The muddy and potholed road has become a problem for the villagers.

शासन प्रशासन से सड़क बनाये जाने लंबे समय से की जा रही मांग।

गर्भवती महिलाओं और मरीजों को कावर और खाट का सहारा

((नया भारत सितेश सिरदार सरगुजा)):–
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के आज भी कई ऐसे गांव है जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सड़के नहीं होने से ग्रामीणों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दरअसल पूरा मामला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम पुहपुटरा के आश्रित ग्राम चिलबिल पांडोपारा का है। जहां के विशेष आरक्षित पण्डो जनजाति के लगभग 30 से अधिक परिवार निवासरत है। पुहपुटरा से चिलबिल पण्डो पारा को जोड़ने वाली सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़ से कीचड़ युक्त होने के कारण ग्रामीणों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ग्रामीणों के द्वारा सड़क बनाये जाने को लेकर शासन प्रशासन से मांग की गई परंतु आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका आलम यह है कि गांव में गर्भवती महिलाओं और ग्रामीणों के बीमार पड़ने पर उन्हें कंवर या खाट से उठाकर 2 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक ले जाया जाता है, जहां से उन्हें एंबुलेंस की सुविधा मिल पाती है। कई बार ऐसा होता है कि उन्हें लहपटरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक कावर या खाट में गर्भवती महिलाओं या मरीजों को ले जाना पड़ता है जिससे अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना इन ग्रामीणों को करना पड़ता है। सड़क की स्थिति यह है की बरसात के दिनों में तो सायकल और बाइक से भी चलना मुश्किल होता है। आम दिनों में भी सड़क में बड़े बड़े गड्ढे होने के कारण एंबुलेंस की सुविधा ग्रामीणों को नहीं मिल पाती है। यह तो देखने वाली बात होगी कि शासन प्रशासन के द्वारा कब तक विशेष आरक्षित जनजाति के ग्रामीणों को सड़क उपलब्ध कराया जाता है।

“””””””गड्ढों में भारी गई मिट्टी कीचड़ में तब्दील””””””””

बरसात का मौसम शुरू होते ही ग्राम पंचायत की ओर से पुहपुटरा से पंडोपारा के बीच लगभग तीन किलोमीटर की सड़क मे हुए बड़े-बड़े गड्ढे में मुरूम मिट्टी भरने का कार्य किया गया है। लेकिन बरसात होने के बाद सड़क कीचड़ में तब्दील हो गया है।

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