छत्तीसगढ़

नगर पंचायत पांडतराई फिर विवादों में, कांग्रेसी पार्षद पर गंभीर आरोप।

कवर्धा/ पंडरिया/ नगर पंचायत पांडतराई एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला बेहद गंभीर है— आरोप है कि वार्ड क्रमांक 10 के कांग्रेस पार्षद प्रदीप जायसवाल ने दबाव डालकर दस्तावेजों में हेराफेरी कर पूरी फाइल ही बदलवा दी।

नगर पंचायत के निवासी सागर कोरी, पुष्पेंद्र पटेल और जसवीर सलूजा ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर पार्षद के खिलाफ शिकायत कलेक्टर कबीरधाम को 24.06.25 को सौंपी थी। इस मामले की अगली सुनवाई 19.08.25 को निर्धारित है।

शिकायत में आरोप है कि पार्षद जायसवाल ने अपने पद का दुरुपयोग कर एक आदिवासी की जमीन (खसरा नंबर 406/1, क्षेत्रफल 3 डेसिमल) को महज ₹2 लाख में नोटरी रजिस्ट्री कराकर अपनी पत्नी के नाम पर करा लिया,जबकि इस जमीन की शासकीय कीमत लगभग 18 लाख रुपए आंकी गई है। इसी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत कराकर राशि प्राप्त की गई और कथित तौर पर उस आवास में अवैध चखना केंद्र भी संचालित किया जा रहा है।

शिकायत कर्ताओं का यह भी आरोप है कि, आरोपी ने इस बीच, बचने के लिए पार्षद ने कथित रूप से नगर पंचायत कर्मचारियों की मिलीभगत से फाइल के मूल दस्तावेजों को बदलकर नए दस्तावेज लगा दिए। इतना ही नहीं, आदिवासी की जमीन पर बने प्रधानमंत्री आवास को नगर पंचायत की आवास देयक पंजी में क्रमांक 267 पर पंजीकृत कराकर, अपनी पत्नी सरिता जायसवाल के नाम कर दिया गया। इसके बाद 16.08.2024 को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराकर विद्युत विभाग से कनेक्शन भी ले लिया गया।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सूचना के अधिकार के तहत दो अलग-अलग आवेदकों को अलग-अलग सत्यापित प्रतिलिपियां उपलब्ध कराई गई हैं। यह न केवल गंभीर अनियमितता है बल्कि कानूनी रूप से भी गंभीर अपराध है।

इस पूरे मामले में दस्तावेज़ों की हेराफेरी और जालसाजी की शिकायत सीएमओ नगर पंचायत से की गई है, लेकिन जांच अब तक शुरू नहीं हुई है।अब बड़ा सवाल यह है कि

शिकायत सत्य है तो, क्या दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई होगी,
या फिर मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा?

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