आखिरकार आईपीएल 2025 और इससे पहले होने वाले मेगा ऑक्शन को लेकर रिटेंशन नियमों पर से पर्दा उठ चुका है। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग के बाद शनिवार देर शाम सभी 10 फ्रेंचाइजी के साथ रिटेंशन नियमों को साझा किया गया है।
इनमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इसके अलावा कुछ नए और कुछ पुराने नियमों को वापस लाया गया है। सबसे दिलचस्प किसी खिलाड़ी के ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने को लेकर है। अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो उसे दो सीजन में खेलने से बैन कर दिया जाएगा। इसके अलावा फ्रेंचाइजी पर्स को भी 20 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है। आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं...
1. अधिकतम छह खिलाड़ियों को किया जा सकता है रिटेन
हर एक फ्रेंचाइजी अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है। इनमें राइट-टू-मैच (आरटीएम) का विकल्प भी शामिल है। इनमें दो अनकैप्ड भारतीय शामिल रह सकते हैं। आईपीएल ने यह भी कहा है कि अधिकतम पांच कैप्ड खिलाड़ियों को बरकरार रखा जा सकता है। इनमें या तो सभी भारतीय हो सकते हैं या सभी विदेशी या फिर दोनों को मिलाकर अधिकतम पांच कैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन किया जा सकता है। एक खिलाड़ी अनकैप्ड होना चाहिए
राइट टू मैच कार्ड की वापसी, लेकिन ट्विस्ट के साथ
आरटीएम की नीलामी में वापसी हुई है। पिछली बार हुए मेगा ऑक्शन में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था। पिछली बार 2017 मेगा ऑक्शन में राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन 2022 मेगा ऑक्शन में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था। हालांकि, अब इसकी वापसी हुई है। आरटीएम एक फ्रेंचाइजी को नीलामी के दौरान किसी खिलाड़ी को वापस खरीदने का मौका देता है। किसी खिलाड़ी पर बोली खत्म होने के बाद अगर उसकी पुरानी टीम चाहे तो जो बोली नई टीम ने लगाई है, पुरानी टीम को वो कीमत चुकानी होगी और वह उस खिलाड़ी को वापस पा सकते हैं। कम से कम तीन फ्रेंचाइजी के आरटीएम को समर्थन करने के बाद आईपीएल ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है। हालांकि, राइट टू मैच कार्ड में इस बार कुछ ट्विस्ट भी हैं। आइए जानते हैं...
खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आईपीएल ने आरटीएम नियम में कुछ बदलाव किया है। इसके मुताबकि, आरटीएम कार्ड रखने वाली टीम को अपने अधिकार का प्रयोग करने से पहले सबसे अधिक बोली लगाने वाले को एक खिलाड़ी के लिए अपनी बोली बढ़ाने का एक अंतिम अवसर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि टीम-1 खिलाड़ी X के लिए RTM रखती है और टीम-2 ने उस पर छह करोड़ रुपये की उच्चतम बोली लगाई है, तो टीम-1 से पहले पूछा जाएगा कि क्या वे RTM का प्रयोग करेंगे? यदि टीम-1 सहमत होती है, तो टीम-2 के पास अपनी बोली बढ़ाने का मौका होगा।
यदि टीम-2 अपनी बोली को नौ करोड़ रुपये तक बढ़ा देती है, तो टीम-1 आरटीएम का उपयोग कर सकती है और खिलाड़ी X को 9 करोड़ रुपये में खरीद सकती है। यदि टीम-2 बोली नहीं बढ़ाने का विकल्प चुनती है और इसे छह करोड़ रुपये पर रखती है, तो टीम-1 आरटीएम का उपयोग कर सकती है और खिलाड़ी X को छह करोड़ रुपये में प्राप्त कर सकती है।
3. नीलामी पर्स को 20 करोड़ रुपये बढ़ाया गया
नीलामी पर्स को 120 करोड़ कर दिया गया है। यानी एक फ्रेंचाइजी के पास अपनी टीम बनाने के लिए 120 करोड़ रुपये होंगे। रिटेंशन के बाद इस पर्स में बदलाव होगा और फिर बचे हुए पैसों के साथ वह फ्रेंचाइजी मेगा ऑक्शन में उतरेगी। पिछली नीलामी (100 करोड़ रुपये) की तुलना में यह राशि 20 करोड़ रुपये ज्यादा है। ये आईपीएल गवर्निंग काउंसिल द्वारा लिए गए सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है।
रिटेन करने के बाद फ्रेंचाइजी के पर्स से किस तरह रुपये कटेंगे
यदि कोई फ्रेंचाइजी पांच कैप्ड खिलाड़ियों को बनाए रखना चाहती है, तो उसके पर्स से इतनी राशि काट ली जाएगी:
पहले तीन रिटेंशन के लिए किसी फ्रेंचाइजी के पर्स से 18 करोड़ रुपये (खिलाड़ी-1), 14 करोड़ रुपये (खिलाड़ी-2) और 11 करोड़ रुपये (खिलाड़ी-3) काट लिए जाएंगे।
बाकी बचे दो रिटेंशन के लिए किसी फ्रेंचाइजी के पर्स से 18 करोड़ रुपये (खिलाड़ी-4) और 14 करोड़ रुपये (खिलाड़ी-5) काट लिए जाएंगे।
इसका मतलब है कि नीलामी से पहले पांच कैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने वाली फ्रेंचाइजी को 120 करोड़ रुपये के कुल पर्स में से 75 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए अधिकतम चार करोड़ रुपये रिटेंशन के लिए खर्च किए जा सकते हैं। ऐसा ही 2021 मेगा ऑक्शन में हुआ था। इसका मतलब है कि छह खिलाड़ियों (एक अनकैप्ड खिलाड़ी के साथ) को रिटेन करने वाली फ्रेंचाइजी को अपने पर्स से 79 करोड़ रुपये का नुकसान होगा और उसके पास मेगा ऑक्शन के दौरान सिर्फ 41 करोड़ रुपये बचेंगे।
5. इम्पैक्ट प्लेयर नियम का जलवा जारी
कई फ्रेंचाइजी और पूर्व क्रिकेटरों की आपत्ति के बावजूद बीसीसीआई ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम को बनाए रखा है। रोहित शर्मा ने चिंता जताई थी कि यह नियम ऑलराउंडरों के विकास के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हालांकि, आईपीएल ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम को बनाए रखने का फैसला किया है। इसमें कहा गया है कि 2027 तक इस नियम को बनाए रखा जाएगा। पहली बार यह नियम 2023 में आया था। आईपीएल इतिहास के शीर्ष-10 उच्चतम स्कोर में से नौ इम्पैक्ट प्लेयर नियम आने के बाद दर्ज किए गए हैं। यह नियम एक टीम को प्लेइंग-11 में एक खिलाड़ी को सब्स्टिट्यूट कर 12वें खिलाड़ी को खेलने का मौका देता है। आईपीएल का मानना है कि इस नियम ने आईपीएल को आगे बढ़ाया है और यह दर्शकों के दृष्टिकोण से भी अच्छा है।
6. इंजरी रिप्लेसमेंट और प्लेयर लोन
आईपीएल 2024 तक फ्रेंचाइजी सीजन के अपने सातवें मैच से पहले एक चोटिल खिलाड़ी को रिप्लेस करने की तलाश करनी थी। आईपीएल 2025 से टीमें लीग चरण में 12वें मैच तक चोटिल खिलाड़ी को रिप्लेस कर सकती हैं। वहीं, प्लेयर लोन नियम का अभी तक उपयोग नहीं किया गया है, लेकिन आईपीएल ने प्लेयर लोन प्रक्रिया को बहाल करने का फैसला किया है। इसे केवल सीजन के दौरान सक्रिय किया जा सकता है।
7. अनकैप्ड को लेकर नया नियम, धोनी के लिए राह आसान
सीएसके को पांच बार आईपीएल का खिताब दिलाने वाले पूर्व कप्तान धोनी अब अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर नीलामी में उतर सकते हैं। शीर्ष परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि कोई भारतीय खिलाड़ी पिछले पांच कैलेंडर वर्षों में राष्ट्रीय टीम के लिए नहीं खेला है तो उसे अनकैप्ड खिलाड़ी माना जाएगा। आईपीएल के आधिकारिक बयान के मुताबिक- अगर कोई कैप्ड भारतीय खिलाड़ी संबंधित सीजन के आयोजन से पहले के पिछले पांच कैलेंडर वर्षों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (टेस्ट मैच, वनडे, टी20 अंतरराष्ट्रीय) में शुरुआती एकदाश में नहीं खेला है या उसके पास बीसीसीआई के साथ केंद्रीय अनुबंध नहीं है, तो वह अनकैप्ड हो जाएगा। यह नियम सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के लिए लागू होगा। नियम में बदलाव का मतलब है कि चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्तान महेंद्र धोनी जिन्होंने आखिरी बार 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम के लिए खेला था, अब आईपीएल 2025 के लिए अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर नजर आएंगे।
...तो फिर दो सीजन के लिए लग जाएगा बैन
फ्रेंचाइजी को रिटेंशन नियमों को लेकर साझा किए गए दस्तावेज में, आईपीएल ने कहा, 'कोई भी खिलाड़ी जो किसी भी नीलामी के लिए रजिस्टर करता है और नीलामी में चुने जाने के बाद सीजन की शुरुआत से पहले खुद को अनुपलब्ध बनाता है, उसे दो सीजन के लिए आईपीएल या फिर आईपीएल नीलामी में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने कहा, 'एकमात्र अपवाद उस खिलाड़ी की चोट या फिर चिकित्सा स्थिति के लिए होगा, जिसकी पुष्टि खिलाड़ी के होम बोर्ड द्वारा की जाएगी।'
9. विदेशी खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम
पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे खिलाड़ियों को पिछले साल मिनी ऑक्शन में बड़े रकम मिलने के बाद आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने मेगा ऑक्शन और मिनी ऑक्शन को लेकर एक और बड़ा बदलाव किया है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई विदेशी खिलाड़ी मेगा ऑक्शन के लिए रजिस्टर नहीं करता है या फिर भूल जाता है तो उसे मिनी ऑक्शन के लिए भी रजिस्टन नहीं करने दिया जाएगा। इसमें भी अपवाद यह है कि अगर वह खिलाड़ी चोटिल है या कोई मेडिकल कंडीशन है तो उसे छूट दी जाएगी। जिसकी पुष्टि मेगा ऑक्शन से पहले खिलाड़ी के होम बोर्ड द्वारा की जाएगी।
10. खिलाड़ी को 7.5 लाख रुपये मैच फीस के तौर पर मिलेंगे
आईपीएल 2025 में खिलाड़ियों की और ज्यादा कमाई होने वाली है। बीसीसीआई ने हर एक खिलाड़ी को प्रति मैच 7.5 लाख की मैच फीस देने का फैसला लिया है है। इसका मतलब यह है कि खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट के के अलावा, फ्रेंचाइजी उन्हें सीजन के दौरान उनके खेलने के लिए भी भुगतान करेगी। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक्स पर इस कदम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक फ्रेंचाइजी सीजन के लिए मैच फीस के रूप में 12.60 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। यह राशि फ्रेंचाइजी के ऑक्शन पर्स से अलग होगी। टीम शीट पर नामित 12 खिलाड़ियों को मैच फीस के रूप में भुगतान किया जाएगा, जो प्रति मैच 90 लाख रुपये (12 खिलाड़ियों को मिलाकर) है। इसे 14 मैचों से गुणा करें (लीग चरण के दौरान प्रत्येक टीम के मैचों की कुल संख्या) तो यह 12.6 करोड़ रुपये तक होता है।