बिलासपुर//रावत नाच महोत्सव मस्तूरी में यादव समाज के तत्वावधान में 22 नवंबर शुक्रवार को मस्तूरी के शासकीय बालक उ.मा.विद्यालय के प्रांगण में आयोजित किया जाएगा मस्तूरी रावत नाच महोत्सव में प्रदेश भर के यदुवंशी अपने कला,कौशल व झांकी के का द्वारा अपना शौर्य प्रदर्शन कर लोगो के बीच समा बान्धेगे,इस आयोजन को देखने के लिए मस्तूरी ब्लॉक सहित अन्य क्षेत्रों व जिलों के लोग भी हजारो की संख्या मे आकर देर रात तक इस आयोजन का आनंद लेते है |
पुरस्कार विजेताओं कों
प्रथम पुरस्कार 15000
द्वितीय पुरस्कार 11000
तृतीय पुरस्कार 7000
चतुर्थ पुरस्कार 5000
पंचम पुरस्कार 4000
षष्ठम पुरस्कार 3000
सप्तम 2000
वहीं अन्य सभी प्रतिभागियों कों सांत्वना पुरस्कार 1001रुपये दिया जाएगा।
राउत नाच का इतिहास
राउत नाच या राउत-नृत्य, यादव समुदाय का दीपावली के आसपास किया जाने वाला पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में राउत लोग विशेष वेशभूषा पहनकर,हाथ में सजी हुई लाठी लेकर टोली में गाते और नाचते हुए निकलते हैं। गांव में प्रत्येक गृहस्वामी के घर में नृत्य के प्रदर्शन के पश्चात् उनकी समृद्धि की कामना युक्त पदावली गाकर आशीर्वाद देते हैं। छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। छत्तीसगढ़ में विभिन्न लोकनृत्य जैसे पंथी, सुआ, राउत नाच आदि प्रचलित है।
मुख्यतः राजस्थान का एक सामाजिक समुदाय है, जहाँ इनकी सर्वाधिक जनसंख्या संकेंद्रित है। जमीन आज भी रावत लोगों के जीवन का मुख्य आधार है आधुनिक समय में रावत समाज के लोग विभिन्न विभिन्न प्रकार के कार्य कर रहे हैं परन्तु अधिकतर रावतवंश के लोग कृषि प्रेमी रहे हैं तथा कृषि करते हैं। आधुनिक समय में भी अधिकांश रावत कृषि करते हैं।