बिलासपुर//मस्तूरी जनपद पंचायत का एक ऐसा गांव जो लगातार कई महीनो से सुर्खियों में बना हुआ है जी हाँ सही सोच रहें हैं सोन ही हैं ग्रामीण सोन सरपंच और उपसरपंच जितेंद्र पटेल पर पंचायत के विकास के आए हुए फंड को बंदर बाँट करने का शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से किए है जिसकी जांच तेजी से चल रही है पूर्व में सरपंच और चॉइस सेंटर संचालक के नाम एफआईआर दर्ज हो चुका है और चॉइस सेंटर संचालक तकरीबन एक हफ्ते तक जेल की हवा खाकर जमानत पर बाहर आ चुके हैं पर एक ऐसा भी नाम है जिस पर एफ आई आर की तलवार लटक रही है उपसरपंच जितेंद्र पटेल गुप्त सूत्रों से पता चला है कि उपसरपंच जितेंद्र पटेल के द्वारा अपने करीबियों को सरकारी पैसे पंचायत के विकास के लिए आए हुए फंड से अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने का आरोप ग्रामीणों ने लिखित शिकायत पत्र में उल्लेखित किया है और लंबी जांच चल रही है जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि कहीं ना कहीं दाल में काला है जिसके वजह से जांच इतना लंबा खींच रहा है और उपसरपंच जितेंद्र पटेल के ऊपर एफआईआर दर्ज हो सकता है और जेल भी जाना पड़ सकता है जांच टीम अगर कहती है कि शिकायत सही पाया गया और सरकारी फंड का बंदर बांट किया गया है तो निश्चित रूप से उपसरपंच को भी सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है यह पूरी तरह से जांच टीम के ऊपर निर्भर करता है की जांच के बाद जांच की रिपोर्ट क्या कहती है अगर ग्रामीणों की शिकायत सही मिली तो उपसरपंच पर भी सरपंच और स्वाइप चॉइस सेंटर के संचालक की तरह रिपोर्ट दर्ज हो सकती है और उपसरपंच जितेंद्र पटेल की मुश्किलें बढ़ सकती है आपको बताते चले कि उपसरपंच भले ही अपने आप को सीधा-साधा भोला भाला गांव वालों को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं पर ग्रामीण समझ चुके हैं कि कौन कितना पानी में हैं और सभी गांव वाले लाम बंद हो गए हैं गांव में किसी भी भ्रष्टाचारी को नहीं छोड़ने का कसम ले चुके हैं जिसके लिए आए दिन गाँव में मीटिंग भी चल रहीं हैं और इसका उद्देश्य सिर्फ एक हैं की गाँव के पंचायत में जिसने भी भ्रस्टाचार किया हैं उसको सलाखों के पीछे भेजना,अब देखना होगा कब इसका जाँच रिपोर्ट आता हैं और ऊंट किस करवट बैठता हैं।