बिलासपुर//पचपेड़ी क्षेत्र के ग्राम पंचायत खपरी बेलपान में लगे कालिंदी इस्पात का प्रदूषण अब सर चढ़कर बोलने लगा है प्रदूषण इतना है कि आसपास के पेड़ पौधों के पत्तों में भी एक काले कलर का परत चढ़ गया है यह हाल तब है जब ठंडी का समय चल रहा है आप सोचिए कि गर्मी के दिनों में यह कितना नुकसान ग्रामीणों को और पर्यावरण को पहुंचता होगा इसके दूषित धुएं से वायु प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ते जा रहा है कंपनी से निकलने वाला दूषित धुआं हवा में मिलकर न सिर्फ हवा को खराब कर रही है बल्कि इससे ग्रामीणों को कई प्रकार की सांस की बीमारियों की समस्याओं से जूझना भी बढ़ सकता है बावजूद इसके पर्यावरण विभाग में बैठे अधिकारी आंख बंद करके ऐसे प्लांट को प्रदूषण मे कमी लाने के उपाय रोकथाम करने की बजाय संरक्षण दे रहें हैँ जिससे क्षेत्र की हवा लगातार प्रदूषित हो रहा हैँ बताते चले की इसी प्रदुषण को लेकर कुछ साल पहले ग्रामीणों ने हल्ला बोल दिया था तब करीबन महीनो तक प्लांट को बंद करना पड़ा था ग्रामीण बताते हैं कि प्लांट को बंद करने के लिए ग्रामीणों ने जो हल्ला बोला था उसका सबसे बड़ा कारण था प्रदूषण प्रदूषण मुक्त क्षेत्र के लिए लोगों ने उस समय में लंबे समय तक धरना दिया था पर सवाल यह उठता है कि अगर उस समय में प्लांट से भारी नुकसान दाई धुआँ निकल रही थी और जो लोगों की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक थी तो क्या अब प्लांट से शुद्ध हवा निकल रहा है जो उन आंदोलनकारीयों को दिखाई नहीं दे रहा है सवाल यह भी है कि जिन आंदोलनकारीयों ने प्रदूषण को लेकर एक लंबा आंदोलन चलाया था जिसके फल स्वरुप प्लांट को बंद करना पड़ा था तो क्या अब उन आंदोलनकारीयों को प्लांट से निकलने वाली प्रदूषित धुआँ और प्रदूषण दिखाई नहीं दे रहा है उस समय मे प्रदर्शनकारियों का मुख्य मुद्दा था प्लांट से निकलने वाली भारी प्रदूषित धुआँ और भुजल का उपयोग जबकि अब आलम यह है कि अब प्लांट से अधिक मात्रा में दूषित धुआं निकल रहा है जो हवा में मिलकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य को खराब कर सकती है पर अब आंदोलनकारी कहां चले गए हैं क्या अब प्लांट से निकलने वाली गंदी धुआँ दिखाई नहीं दे रहा है ग्रामीण दबे जुबान ही सही पर यह कहने से नहीं हिचकिचा रहे हैं कि जिन्होंने आंदोलन किया था वह अब कुछ नहीं बोलेंगे ऐसा ग्रामीणों का कहना है अब इसके पीछे क्या तर्क लगाया जाए यह तो समझ से परे हैं पर इतना जरूर हैँ कि कालिंदी स्पात से निकलने वाली दूषित धुआँ से लोगो को स्वास सम्बन्धी बीमारी हो सकता हैँ।