उत्तराखण्ड

ना ही कभी अंडा खाना और ना ही बच्चों को खिलाना – बाबा उमाकान्त महाराज

ना ही कभी अंडा खाना और ना ही बच्चों को खिलाना – बाबा उमाकान्त महाराज

आपकी सबसे बड़ी दक्षिणा क्या होगी ?

काशीपुर। उधम सिंह नगर उत्तराखंड बाबा उमाकान्त महाराज ने काशीपुर (उत्तराखण्ड) में दिए सतसंग एवं नामदान के कार्यक्रम में बताया कि आप अपनी बुराइयों को यहीं छोड़ जाओ और यही आपकी सबसे बड़ी दक्षिणा होगी। बच्चे और बच्चियों अब आज से मांस मत खाना, मछली मत खाना, अंडा मत खाना और शराब मत पीना या शराब जैसा बुद्धि-नाशक नशा जिसमें बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है, उसका सेवन मत करना।
जितनी बुराई है, सब यहीं छोड़ जाओ, इसको छोड़ने का संकल्प बना लो और उस प्रभु से दीन होकर माफी मांग लो कि जान-अनजान में मुझसे जो गलती हो गई, उसके लिए आज मुझे माफी दे दो, अब गलती नहीं करूंगा। तो उसका नाम है दीनबंधु दीनानाथ और दीनों पर ही वह दया करता है।

मछली किस काम के लिए बनाई गयी और अंडा कैसे बनता है ?

मांस मनुष्य का भोजन नहीं है। मछली तालाब की सफाई के लिए बनाई गई है। कोई भी गंदी चीज डाल दो तालाब में, मछली खा जाती है। जब मछली मर जाती है और पानी के ऊपर तैरती है तो उसको गिद्ध और कौवा खाते हैं। आप अब गिद्ध और कौवा का खाना मत खाना। जो डॉक्टर यह कहते हैं कि अंडा खाओ, ताकत आ जाएगी तो समझ लो कि वे अज्ञानी हैं, उनको पता ही नहीं है कि अंडा बनता कैसे है। जब माताएं मासिक धर्म से होती हैं, खराब खून इकट्ठा हो जाता है तो बच्चा बन जाता है। इसी तरह, मुर्गियों का खराब खून, उनके टट्टी पेशाब का खराब हिस्सा जब इकट्ठा हो जाता है, तो वही अंडा बन जाता है। अब आप सोचो कितनी गंदी चीज है। चाहे डॉक्टर कितना भी कहे कि खिलाओ यह तंदुरुस्त हो जाएगा, फिर भी ना ही कभी अंडा खाना और ना ही बच्चों को खिलाना। कोई भी डॉक्टर गारंटी के साथ नहीं कह सकता है कि बच्चे को अंडा खिलाओ स्वस्थ हो जाएगा, वह तो अंदाजा लगाता है कि अंडा खाने से तंदुरुस्ती बन जाएगी। इसलिए अंडा ना तो खाना, ना बच्चों को या परिवार में किसी को खिलाना और सलाह भी किसी को मत देना। अगर आप कोई डॉक्टर हो तो सलाह मत देना आज से अंडा खाने की।

प्रकृति द्वारा मनुष्य के खाने के लिए बनाई गयी चीजें ही खानी चाहिए

इस समय मूंगफली है, सोयाबीन है, मूंग है, यह सब चीजें ताकतवर हैं। चने को रात को भिगो दो और सुबह दे दो बच्चे को, उसके बाद एक गिलास गाय का बढ़िया दूध पिला दो तो एकदम से वह तंदुरुस्त और लाल हो जाएगा। इसके अलावा अनार है वह खिलाओ। ये चीजें जो प्रकृति ने बनाई हैं मनुष्य के लिए, उसको खाओ और खिलाओ बच्चों को। तो आप यह समझो की अब से गंदी चीज मत खाना और शराब या शराब जैसा बुद्धि-नाशक नशे का सेवन मत करना। बाकी आप हजम कर सको तो सौ गिलास दूध पियो, हजम कर सको तो दो किलो घी रोज़ खाओ। हमारी तरफ से पूरी छूट है।

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