CG – मेडिकल कॉलेज के HOD पर छात्रा ने यौन उत्पीड़न सहित लगाए ये गंभीर आरोप, बोली – ऑफर करते है शराब, व्हाट्सप्प DP पर भी किया ये कमेंट, सभी चैट है मौजूद…..
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रायपुर। राजधानी रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में छात्र छात्राओं से दुर्व्यवहार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। मेडिकल कॉलेज की एक पीजी छात्रा ने कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. आशीष सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को एक शिकायत पत्र भेजकर शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
छात्रा ने अपने पत्र में बताया कि 28 दिसंबर 2024 को विभाग से असंबंधित एक CME (Continuing Medical Education) कार्यक्रम में उपस्थिति को अनिवार्य बनाया गया था। इस दौरान एचओडी ने उन्हें शराब ऑफर की, जिसे ठुकराने पर उन्होंने फोन और मैसेज के जरिए फिर से संपर्क किया।
छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि 4 जनवरी 2025 को एचओडी ने उन्हें व्हाट्सएप डीपी बदलने के लिए कहा और उनकी पिछली तस्वीर की तारीफ की। छात्रा का कहना है कि यह व्यक्तिगत पसंद में दखल और पद का दुरुपयोग था।
7 जनवरी 2025 को जब छात्रा अपनी थीसिस के पायलट स्टडी क्वेश्चन-अंसर की स्वीकृति के संबंध में चर्चा कर रही थीं, तब एचओडी ने कथित रूप से ‘पार्टी’ करने की मांग की। छात्रा ने इसे ‘quid pro quo’ (फायदे के बदले निजी मांग) बताते हुए इसे स्पष्ट यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
छात्रा ने आगे आरोप लगाते हुए लिखा है कि 10 जनवरी 2025 को एचओडी ने उनके पहनावे और उनके ऊपर कौन सा रंग अच्छा लगता है, इस पर अनुचित व्यक्तिगत टिप्पणियां कीं। इसके अलावा, उन्होंने अनुचित शारीरिक संपर्क भी किया, जिससे छात्रा असहज और डरी हुई महसूस करने लगीं।
एचओडी ने छात्रा पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेने और एक्सपोज़र विज़िट्स के लिए दबाव डाला। छात्रा को आशंका है कि यह दबाव उन्हें समाज और उनके बैचमेट्स से अलग-थलग करने के लिए डाला गया।
छात्रा ने इस पत्र में आरोप लगाते हुए बताया है कि उनके बैचमेट को भी एचओडी ने प्रभावित करने की कोशिश की और अश्लील व अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया, ताकि वह उन्हें एचओडी से मिलने के लिए राजी कर सके।
छात्रा ने चिकित्सा शिक्षा विभाग से इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनका ही नहीं, बल्कि अन्य छात्रों का भी मुद्दा है, ताकि भविष्य में किसी और को इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।