मध्यप्रदेश

त्रयोदशी और पूर्णिमा के अवसर पर 5-5 घंटे की अखण्ड साधना शिविर लगाओ – बाबा उमाकान्त महाराज

त्रयोदशी और पूर्णिमा के अवसर पर 5-5 घंटे की अखण्ड साधना शिविर लगाओ – बाबा उमाकान्त महाराज

इसमें परिवार के सभी नामदानियों को लाने की जरूरत है, ताकि वे घाट (दया के घाट) तक पहुंचे।

उज्जैन। परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने 8 जून 2025 को 24 घंटे की अखण्ड साधना (घाट की साधना) शिविर के समापन पर सतसंग में कहा कि घाट की साधना का, 24 घंटे का समापन आज हो गया। यह 24 घंटे की साधना शिविर देश के अलग-अलग हिस्सों में, जहां-जहां अपनी संगत हैं, सब जगह चला है। विदेशों में भी लगा है; दुबई में लगा, नेपाल में, सिंगापुर में, मलेशिया में, मॉरिशस में, अमेरिका, लंदन में; जहां-जहां नामदानी हैं, सब लोगों ने अपने-अपने समय के हिसाब से साधना की। जहां-जहां खबर पहुंच गई, वहां प्रेमियों के अंदर गुरु महाराज की प्रेरणा हो गई और वे उसमें लग गए।

त्रयोदशी और पूर्णिमा पर 5-5 घंटे की अखण्ड साधना शिविर लगाओ।

त्रयोदशी और पूर्णिमा के अवसर पर बहुत स्थानों पर आप प्रेमी इकठ्ठा होते हो और वहां सतसंग करते हो, ध्यान भजन करते हो और प्रसाद का वितरण करते हो। जो लोग आते हैं, वे भी खाते हैं। कुछ लोगों को आप अपने-अपने हिसाब से बाहर भी बांटते हो। तो अब जहां-जहां पर आप लोग त्रयोदशी को और पूर्णिमा को इकट्ठा होते हो वहां पर पांच-पांच घंटे की साधना शिविर लगाओ जो अखण्ड रहेगा। चाहे आश्रम हो, चाहे कहीं भी आपने जगह बना रखी है वहां पर साधना शिविर लगाओ।

जहां-जहां संगत कम हैं, वहां अपने साथ के लोगों को भी उसमें ला सकते हो।

त्रयोदशी और पूर्णिमा की इस 5-5 घंटे की अखण्ड साधना शिविर में लोगों को बुला-बुला कर लाना पड़ेगा। क्योंकि कुछ लोग तो उसमें चले आते हैं, न तो परिवार के लोगों को लाते हैं, न अपने 10-11 साल के जवान बच्चों को लाते हैं। परिवार के जो-जो नामदानी हैं, सब को लाने की जरूरत है, सब को बैठाने की जरूरत है ताकि वे घाट तक पहुंचे तो। घाट तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। घर से निकल कर के घाट तक जब तक नहीं पहुंचेंगे, तब तक पार होने की (भवसागर से पार) कोई उम्मीद नहीं रहेगी। जहां-जहां संगत कम है, नामदानी नहीं हैं, जैसे विदेश है या अन्य जगहों पर, जहां-जहां नहीं है, वहां अगर आपके मित्र हैं, टहलने घूमने आप पार्कों में जाते हो, व्यापार के हिसाब से एक दूसरे के पास जाते हो और वहां पर आप रहते हो, तो उनको भी ला सकते हो पूर्णिमा वाले साधना शिविर में। अगर वे पांच घंटा, दो घंटा, तीन घंटा, आधा घंटा ही बैठेंगे तो उनको भी गुरु महाराज से दिशा मिल जाएगी।

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