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विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सड़क बनाने की आड़ में सैकड़ो पेड़ पौधों की बलि,वन विभाग ने मूंदी आंखें।

On the occasion of World Environment Day, hundreds of trees were sacrificed in the name of road construction, the Forest Department turned a blind eye.

(नया भारत लखनपुर सितेश सिरदार:–)
पूरे भारतवर्ष में 5 जून दिन गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है इस अवसर पर वन विभाग, राजस्व विभाग , ग्राम पंचायतो में पौधारोपण कर पेड़ पौधों के संरक्षण हेतु संकल्प भी लिया जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर विश्व पर्यावरण दिवस के दिन सड़क बनाए जाने की आड़ में सैकड़ो हरे भरे पेड़ पौधों को काट दिया गया। दरअसल पूरा मामला सरगुजा जिले के लखनपुर वनपरिक्षेत्र अंतर्गत रेहमला का है। 5 जून दिन गुरुवार को जब स्थानीय मीडियाकर्मी खबर बनाने पहुंचे थे,तो देखा कि आधा दर्जन ग्रामीण सड़क बनाये जाने की आड़ में सैकड़ो हरे-भरे पेड़ पौधों को काट दिया गया है,मीडिया कर्मीयो ने पेड़ पौधा काटने से मना किया इसके बाद ग्रामीण वहां से चले गए। मिली जानकारी के मुताबिक जनमन योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क से लेकर भुरकुड़ुवा पहाड़ी कोरवा बस्ती तक डामरीकरण सड़क बनाया जा रहा है। वहीं सड़क बनाई जाने की आड़ में 5 जून दिन गुरुवार की सुबह लगभग 8:30 बजे आधा दर्जन ग्रामीणों के द्वारा टांगी से सैकड़ो पेड़ पौधों को काटकर धराशाई कर दिया गया। सैकड़ो पेड़ों की कटाई हो गई इधर वन विभाग विश्व पर्यावरण दिवस मनाने में व्यस्त रहा। वन विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही के कारण आज बड़े-बड़े जंगल मैदान में तब्दील हो चुके हैं और बड़े पैमाने पर जंगलों में अवैध कब्जा कर मकान बना लिया जा रहा है। वन विभाग पी ओ आर की कार्रवाई कर पल्ला झाड़ रहे हैं। अब देखना होगा की जिम्मेदार विभाग इस मामले को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं क्या वह अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और अवैध कटाई को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगे या फिर यह समस्या और भी बढ़ जाएगी और इसी तरह बड़े-बड़े जंगल मैदान में तब्दील हो जाएंगे।

*जगह-जगह पौधारोपण कर फोटो सेशन।*

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत वन विभाग अनेक राजनीतिक संगठन के लोगों के द्वारा जगह-जगह पौधारोपण कर फोटो सेशन करवा वाह वाही लूट रहे हैं लेकिन देखा जाता है कि पौधारोपण के बाद कोई भी अधिकारी जनप्रतिनिधि शुद्ध लेने को तैयार नहीं है। वही जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने भी नजर आते हैं।

*जंगलों की सुरक्षा हेतु बीट गार्ड्स के लिए बनाया गया आवास जिम्मेदार रहते हैं नदारत।*

जंगलों की सुरक्षा हेतु शासन की ओर से बिट गार्ड के लिए लाखों रुपए खर्च कर आवास का निर्माण किया जाता है ताकि कि सर्किल प्रभारी, वन कर्मचारी आवास में रहकर जंगलों की सुरक्षा कर सके परंतु वन विभाग की जिम्मेदार अपने घरों में रहकर ड्यूटी करते हैं यही नहीं लाखों रुपए का आवास अब खंडहर में तब्दील होते जा रहा है। वह दूसरी ओर जंगल भी कटते जा रहे हैं।

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