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CG – मस्तूरी के दर्राभाठा में बुधवार को शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन स्वागत देख खिल उठे नव प्रवेशी विद्यार्थियों के चेहरे पढ़े पूरी ख़बर

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं पू जा-अर्चना के साथ की गई। मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि चंद्रप्रकाश सूर्या ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा है की राज्य का प्रत्येक बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा स्तर को और बेहतर करने के लिए उच्च शिक्षा पढ़ाई के लिए पहले 11000 करोड़ का प्रावधान था जिसे 5 गुना बढ़ा कर 59000 करोड़ किया है ताकि कोई भी अनुसूचित जाति या जनजाति गांव का बच्चा उच्च शिक्षा से वंचित ना रह सके!

राज्य में सत प्रतिशत शिक्षा हो, सूर्या ने कहा कि खुश होकर पढ़ाई करेंगे तो निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी, विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हैं। उन्होंने छात्रों से ईमानदारी से पढ़ाई करने की अपील करते हुए कहा कि यदि प्रतिदिन 3-4 घंटे लगन से अध्ययन किया जाए, तो सफलता निश्चित है।

प्रदेश के प्रत्येक विद्यालयों में पुस्तक वितरण हो रहा है, यह पुस्तक रखने के लिए नहीं है बल्कि विद्या ग्रहण करने के लिए है श्लोक के माध्यम से कहा की *पुस्तकस्था तु या विद्या,, परहस्तगतम धनम, कार्यकाले समुत्पन्ने न सा विद्या,, न तद धनम.. पुस्तक में रखी हुई विद्या और दूसरों के हाथ में गया हुआ धन…समय पडने पर ना विद्या काम आती है ना ही धन इसलिए विद्या ग्रहण करना अति आवश्यक है, सूर्या ने कहा कि एक हाथ में पुस्तक थाम लो और दूसरे हाथ में गुरु का हाथ थाम लो सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता,

जनपद पंचायत सदस्य भास्कर पटेल, सरपंच एलन घृतलहरे, भाजपा मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र पटेल,एवं पूर्व जनपद सदस्य अभिलेश यादव ने भी बच्चों को अच्छे से पढ़ने की अपील की सोनवानी जी ने बच्चों से घर जाकर नियमित रूप से पाठ का पुनरावलोकन करने की अपील की। इस दौरान बलराम पाटनवार,शाला विकास समिति अध्यक्ष तुषार चंद्राकर,हरिश्चंद्र श्रीवास,अर्जुन शर्मा,रिज बाई नवरंग,धर्मेंद्र राठौर एवं बड़ी संख्या में सभी पंच गण एवं पालक मंचासीन रहे। कार्यक्रम के दौरान नवप्रवेशी विद्यार्थियों का तिलक लगाकर,मिठाई खिलाकर और पुस्तकें वितरित कर स्वागत किया गया। जो बच्चे अच्छे अंक से पास हुए उन्हें मोमेंटो देकर सम्मानित किय गया मंच संचालन भारद्वाज सर ने किया।

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