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भ्रष्ट्राचार में पीएचडी हासिल चाकाबुड़ा सचिव तत्कालीन सरपंच को अधिकारियों का खुला संरक्षण इस भवन में लाइट फिटिंग के नाम पर उड़ा दिए 98 हजार ग्रामीणों में भारी आक्रोश पढ़े पूरी ख़बर

कोरबा/कटघोरा//जनपद पंचायत कटघोरा अंतर्गत चाकाबुड़ा की सचिव रजनी सूर्यवंशी और तत्कालीन सरपंच पवन सिंह कमरों के बीते पंचवर्षीय कार्यप्रणाली पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनकर रह गया है। जहां मनमानी और व्याप्त भ्रष्ट्राचार के चलते ग्राम के विकास पर बट्टा लग गया और ग्रामीणों ने शासकीय धन के बंदरबांट सहित सचिव व तत्कालीन सरपंच के अनेको कारगुजारी को लेकर शिकायत की, तो वहीं अधिकारियों से सांठगांठ के चलते शिकायती मामले की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चला गया है। ग्राम विकास की राशि पर सेंध लगाने वाले सचिव व तत्कालीन सरपंच पर कार्रवाई नही होने से इन भ्रष्ट्राचारियों को बल मिल गया। ऐसे में जाहिर है कि दोषी वर्ग अपने बचाव के लिए तमाम जिम्मेदार की जेबें भरता चला आ रहा होगा और बिकाऊ अमला संरक्षण देकर मौन बना हुआ है और पंचायत जवाबदारों के कारनामो को सुन- पढ़कर उनके जैसे निज स्वार्थ सिद्धि की मानसिकता रखने वाले सरपंच- सचिव को भ्रष्ट्राचार करने की प्रेरणा मिल रही है, ऐसा चाकाबुड़ा के ग्रामीणों का कहना है। फिलहाल गत 23 अप्रैल को ग्राम के नवनिर्वाचित सरपंच, उपसरपंच, पंचों तथा ग्रामीणों ने पंचायत सचिव और तत्कालीन सरपंच, उपसरपंच व रोजगार सहायक पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से 16 बिंदु में शिकायत की थी। जिसकी जांच हेतु जिला व जनपद की टीम गांव पहुँची और शिकायतकर्ताओं का बयान लिखकर चली गई, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नही हो पाई है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि भ्रष्ट्राचार में पीएचडी किये सचिव और सरपंच के विरुद्ध कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही हुआ है। इससे दोषियों को अपने कृत्यों पर पर्दा डालने का पर्याप्त मौका मिल गया है। जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। यहां पर यह बताना भी लाजिमी न होगा कि सचिव एवं तत्कालीन सरपंच पर मनमाने भ्रष्ट्राचार के शिकायत के अलावा पंचायत मद की राशि पर भी लूट मचाई गई है। उन्होंने कागजी घोड़ा दौड़ाकर मूलभूत, 14वें वित्त, 15वें वित्त आयोग की राशि पर जमकर हाथ किया है। जिनमे स्ट्रीट लाइट व्यवस्था, मरम्मत कार्यों, साफ- सफाई के कार्य के नाम पर लगभग 21.50 लाख का वारा- न्यारा किया है। इन भ्रष्ट्राचार के अलावा सामुदायिक भवन में लाइट फिटिंग की आड़ में भी 98 हजार की राशि 15वें वित्त से आहरण की गई है। जियोटैग के मुताबित बाउचर की तिथि 30 अक्टूबर 2021 को उक्त राशि रिचार्ज हुई है। जिसे लेकर ग्रामीणों का कहना है कि चाकाबुड़ा पंचायत में दो सामुदायिक भवन आस्तित्व में है। जिसमे से एक भवन में पंचायत कार्यालय का संचालन किया जा रहा है तो एक अन्य भवन बंद पड़ा है। दोनों भवनों में सामान्य विद्युत वायरिंग कार्य व दो से तीन बल्ब लगे है, इनके अतिरिक्त अन्य कोई भी विद्युत उपकरण सामाग्री नही लगाए गए है। जिस कार्य मे अधिकतम खर्च 25 से 30 हजार आया होगा। 98 हजार खर्च राशि बताना सचिव व तत्कालीन सरपंच द्वारा शेष राशि का बंदरबांट किया जाना है। बहरहाल इस पंचायत के चर्चित सरपंच सचिव के कारनामो को लेकर पूर्व में भी शिकायतें हुई है, किन्तु अब तक कोई कार्रवाई ग्रामीणों के सुनने में नही आई। ऐसे में प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है। वहीं चाकाबुड़ा सहित आसपास क्षेत्र के लोग पूरे भरोसे से दावा करते है कि सचिव रजनी सूर्यवंशी के खिलाफ कार्यवाही होना संभव नही है, क्योंकि उनको अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों का वरदहस्त प्राप्त है। इस तरह की चर्चा और दावे शासकीय प्रक्रिया के लिए चुनौती जरूर है। जन चर्चा में किये जा रहे दावे और चर्चित सचिव में कितना दम है, यह आने वाले समय मे साबित होगा, किन्तु इस तरह की लेट लतीफी कार्यवाही के पीछे चाकाबुड़ा की जनता अधिकारियों से जवाब मांग रही है।

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