छत्तीसगढ़

कुकुर्दीकला में राष्ट्र जागरण,संस्कार प्रधान एवं नारी सशक्तिकरण के लिए 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन पढ़े पूरी ख़बर

बिलासपुर//आचार्य राम शर्मा एवं माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण में 26 से 29 मार्च 2025 तक मस्तूरी के ग्राम कुकुर्दीकला में 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन गुरू सत्ता के संकल्पः “मनुष्य में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण” को पूर्ण करने के लिए किया गया है। गायत्री प्रज्ञा पीठ चिल्हाटी के परिजनों ने परम वंदनीया माता के जन्म शताब्दी वर्ष एवं अखण्ड ज्योति के 100 वर्ष पूर्ण होने को ध्यान में रखकर 1008 कुण्डीय यक्ष के माध्यम से (1,5,24 कुण्डों के माध्यम में कुल 1008 कुण्ड) गायत्री एवं यज्ञ को क्षेत्र के घर-घर में पहुंचा कर 1008 लोगो के घरों में अन्नदान एवं अंशदान के माध्यम से गायत्री प्रज्ञापीठ चिल्हाटी से जोड़ने का संकल्प लिया गया है। आज के इस भौतिकवादी परिवेश में विद्यार्थी भटक रहें है, बच्चे संस्कार विहीन होते जा रहे है। इसी को दृष्टि में रखकर बच्चो को योग एंव संस्कार सिखाने के लिए देव संस्कृति विद्यालय का स्थापना किया गया है। अनगढ़ता को सुगदता में बदलने व्यक्तित्व परिष्कार के साथ का नाम ही संस्कार है। अतः अपने बच्चो एवं परिवार को संस्कारवान बनाने के लिए किसी एक अभियान से जुडकर(मंत्र लेखन, मंत्र जप, चालिसा पाठ, आरती आदि) यन एवं प्रवचन में भागीदारी करें बिलासपुर//आचार्य राम शर्मा एवं माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण में 26 से 29 मार्च 2025 तक मस्तूरी के ग्राम कुकुर्दीकला में 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन गुरू सत्ता के संकल्पः “मनुष्य में देवत्व का उदय एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण” को पूर्ण करने के लिए किया गया है। गायत्री प्रज्ञा पीठ चिल्हाटी के परिजनों ने परम वंदनीया माता के जन्म शताब्दी वर्ष एवं अखण्ड ज्योति के 100 वर्ष पूर्ण होने को ध्यान में रखकर 1008 कुण्डीय यक्ष के माध्यम से (1,5,24 कुण्डों के माध्यम में कुल 1008 कुण्ड) गायत्री एवं यज्ञ को क्षेत्र के घर-घर में पहुंचा कर 1008 लोगो के घरों में अन्नदान एवं अंशदान के माध्यम से गायत्री प्रज्ञापीठ चिल्हाटी से जोड़ने का संकल्प लिया गया है। आज के इस भौतिकवादी परिवेश में विद्यार्थी भटक रहें है, बच्चे संस्कार विहीन होते जा रहे है। इसी को दृष्टि में रखकर बच्चो को योग एंव संस्कार सिखाने के लिए देव संस्कृति विद्यालय का स्थापना किया गया है। अनगढ़ता को सुगदता में बदलने व्यक्तित्व परिष्कार के साथ का नाम ही संस्कार है। अतः अपने बच्चो एवं परिवार को संस्कारवान बनाने के लिए किसी एक अभियान से जुडकर(मंत्र लेखन, मंत्र जप, चालिसा पाठ, आरती आदि) यन एवं प्रवचन में भागीदारी करें,इस यज्ञ में कई गणमान्य नागरिक रोज शामिल होने पहुंच रहे हैं बीते दिनों पचपेड़ी तहसीलदार प्रकाश साहू अपने परिवार के साथ शामिल हुए इनके अलावा गोपालपुर सरपंच राजू केंवट कुकुर्दीकला सरपंच कृपाल सिंह पैकरा भी लगातार सहयोग प्रदान कर रहें हैँ आपको बताते चलें कि यज्ञ में न सिर्फ आसपास के ग्रामीण बल्कि दूसरे जिलों से भी लोग शामिल होने के लिए पहुंच रहे है। उक्त सभी जानकारी गोविंद रावत द्वारा दी गई।

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